भाजपा वाले चुनावी मेढक, इनकी टर्र-टर्र चुनावों में ही सुनाई पड़ती है : मनोज पांडेय
रांची, 25 सितंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भारतीय जनता पार्टी की ‘परिवर्तन यात्रा' के दौरान मंगलवार को गोड्डा के गांधी मैदान में जनसभा को संबोधित करते हुए राज्य में सरकार बनने पर सीएए और एनआरसी लागू करने की बात कही थी। उनके इस बयान पर झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रवक्ता मनोज कुमार पांडेय ने पलटवार किया है।
उन्होंने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि मेरा मानना है कि एनआरसी हो, सीएए हो या घुसपैठ हो, यह सब तीन-चार शब्दावलियां मात्र चुनावी हैं। इसके सहारे भाजपा के लोग अपनी चुनावी नैया पार करने की कोशिश करते हैं। हमने सीएए और एनआरसी पहली बार असम के चुनाव में सुना था। मैं पूछना चाहता हूं इनसे कि क्या असम में एनआरसी, सीएए लागू हो गया और अगर लागू हुआ तो उसके तहत कितने घुसपैठियों को आपने बाहर किया? सीएए किस पर लागू हुआ, उसके परिणाम क्या हैं? मुझे यह बता दीजिए। यह चुनाव तक ही बातें करते हैं। चुनाव के बाद यह फिर मौन हो जाते हैं। मै इन्हें बरसाती मेंढक मानता हूं। इन लोगों की टर्र-टर्र चुनावों के वक्त ही सुनाई पड़ती है, उसके बाद यह लोग मौन हो जाते हैं।
बता दें कि केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भारतीय जनता पार्टी की ‘परिवर्तन यात्रा' के दौरान मंगलवार को गोड्डा के गांधी मैदान में जनसभा को संबोधित करते हुए राज्य की मौजूदा सरकार को उखाड़ फेंकने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि झारखंड में गठबंधन की बेईमान सरकार चल रही है। जेएमएम, कांग्रेस और आरजेडी ने पांच सालों में राज्य को तबाह कर दिया। हेमंत सरकार में माटी, बेटी और रोटी सुरक्षित नहीं है। बड़ी संख्या में घुसपैठियों के आने से झारखंड की जमीन पर कब्जा हो रहा है, क्या झारखंडी इसे सहन करेंगे? हेमंत सरकार वोटों के लालच में घुसपैठियों के नाम वोटर लिस्ट में दर्ज करवा रही है। अगर यह सिलसिला इसी तरह चलता रहा तो 15-20 सालों में झारखंडी अपनी जमीन से बेदखल हो जाएंगे।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पहले झारखंड में 44 प्रतिशत आदिवासी थे, अब केवल 28 प्रतिशत बचे हैं। बांग्लादेशी घुसपैठिए छल-कपट से यहां की बेटियों से शादी कर सत्ता पर काबिज हो रहे हैं। रुबिका पहाड़िन जैसी बेटियों को बर्बरता से मारा जा रहा है। क्या इससे झारखंडियों का खून नहीं खौलता? भाजपा का संकल्प है कि झारखंड की माटी, बेटी और रोटी की सुरक्षा की जाए।
--आईएएनएस
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