'भगवान राम को नकारने की सजा भुगत रही कांग्रेस', राम मंदिर पर चर्चा में बोले भाजपा सांसद सत्यपाल सिंह

नई दिल्ली, 10 फरवरी (आईएएनएस)। संसद के बजट सत्र के आखिरी दिन अयोध्या में बने भव्य राम मंदिर को लेकर चर्चा जारी है। बागपत से भारतीय जनता पार्टी के सांसद सत्यपाल सिंह ने लोकसभा में ऐतिहासिक राम मंदिर के निर्माण और प्राण प्रतिष्ठा पर चर्चा की शुरुआत की।
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'भगवान राम को नकारने की सजा भुगत रही कांग्रेस', राम मंदिर पर चर्चा में बोले भाजपा सांसद सत्यपाल सिंह

नई दिल्ली, 10 फरवरी (आईएएनएस)। संसद के बजट सत्र के आखिरी दिन अयोध्या में बने भव्य राम मंदिर को लेकर चर्चा जारी है। बागपत से भारतीय जनता पार्टी के सांसद सत्यपाल सिंह ने लोकसभा में ऐतिहासिक राम मंदिर के निर्माण और प्राण प्रतिष्ठा पर चर्चा की शुरुआत की।

उन्होंने कहा, "मेरा सौभाग्य है कि मुझे संसद के अंदर अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण और रामलला प्राण प्रतिष्ठा के बारे में बोलने का अवसर मिला। आजाद भारत के इस महान सदन में, जो सदन हम सब सांसदों को गौरवान्वित करता है, उस सदन में भगवान राम के बारे में बोलना, उनके मंदिर के बारे में अपना प्रस्ताव को रखना आज मेरे लिए बड़ा दिन है, अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा होते देखना और वहां जाकर दर्शन करना यह अपने आप में ऐतिहासिक है।"

भाजपा सांसद सत्यपाल सिंह ने कहा कि प्रभु श्रीराम सिर्फ हिंदुओं के ही नहीं हैं, वह सबके हैं, भगवान राम हम सबके पूर्वज भी हैं और हम सबके लिए प्ररेणा भी हैं।"

उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, "जिस प्रकार से कांग्रेस ने भगवान राम को नकारा, इसलिए आज उनकी ये स्थिति है।"

सत्यपाल सिंह ने आगे कहा, "2008 में मैंने एक लेख लिखा था, जो लोग कहते हैं भगवान राम इस धरती पर पैदा नहीं हुए हैं, उस समय मैंने 20 सवाल लिखे थे, और दुनिया में इतिहासकार हैं, जो अपने को आर्कियोलॉजिस्ट कहते हैं, उनको मैंने चैलेंज किया था, इन सवालों का जवाब दो।"

भाजपा सांसद सत्यपाल सिंह ने कहा, "अयोध्या के अंदर सब लोग मानते हैं कि भगवान राम अयोध्या में ही पैदा हुए।"

इस दौरान कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी बीच में टोका-टाकी करते हैं, जिस पर सत्यपाल सिंह ने उन्हें नसीहत देते हुए कहा कि कभी-कभी वो अपने नाम के हिसाब से अधीर हो जाते हैं, लेकिन भगवान राम के नाम पर उन्हें अधीर नहीं होना चाहिए। उन्हें धैर्य के साथ सुनना चाहिए, क्योंकि भगवान राम धैर्य के प्रतीक हैं। राम मंदिर करोड़ों लोगों की आस्था की मूर्त रूप है।

--आईएएनएस

एसके/एबीएम