भाजपा व कांग्रेस की निगाह राजनीतिक लाभ पर, सदन में गतिरोध जल्द खत्म होने के आसार नहीं

नई दिल्ली, 19 मार्च (आईएएनएस)। संसद में गतिरोध जारी रहने की संभावना है, क्योंकि भाजपा, कांग्रेस नेता राहुल गांधी से माफी मांगने पर जोर दे रही है, जबकि वह इस बात पर जोर दे रहे हैं कि वह संसद में बोलेंगे, क्योंकि वह एक सांसद हैं और उनका नाम सदन में चार मंत्रियों ने लिया है।
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भाजपा व कांग्रेस की निगाह राजनीतिक लाभ पर, सदन में गतिरोध जल्द खत्म होने के आसार नहीं
नई दिल्ली, 19 मार्च (आईएएनएस)। संसद में गतिरोध जारी रहने की संभावना है, क्योंकि भाजपा, कांग्रेस नेता राहुल गांधी से माफी मांगने पर जोर दे रही है, जबकि वह इस बात पर जोर दे रहे हैं कि वह संसद में बोलेंगे, क्योंकि वह एक सांसद हैं और उनका नाम सदन में चार मंत्रियों ने लिया है।

दोनों पक्षों को लगता है कि राजनीतिक रूप से यह गतिरोध उनके अनुकूल है, हालांकि सरकार को आगामी सप्ताह में वित्त विधेयक पारित करना है।

कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि उन्हें इस मुद्दे के समाधान की उम्मीद नहीं है और यह अदानी के मुद्दे को बार-बार उठाने वाली पार्टी के लिए उपयुक्त है, जबकि अधिकांश विपक्षी दल एक तरफ जेपीसी की मांग कर रहे हैं।

कांग्रेस ने ऊपरी सदन में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है, जिसे भाजपा ने नौटंकी बताया है, क्योंकि यह विवाद दोनों पक्षों के अनुकूल है। कांग्रेस जहां जेपीसी के मुद्दे को जोर-शोर से आगे बढ़ा रही है, वहीं बीजेपी राहुल गांधी को घेरने की कोशिश कर रही है।

के.सी. वेणुगोपाल ने कहा, प्रथमदृष्टया उपहासपूर्ण तरीके से की गई पीएम मोदी की टिप्पणी न केवल अपमानजनक है, बल्कि नेहरू परिवार विशेष रूप से सोनिया गांधी और राहुल गांधी, जो लोकसभा के सदस्य हैं, के लिए अपमानजनक और मानहानिकारक भी है।

कांग्रेस का कहना है कि जेपीसी की मांग पर विपक्ष एकजुट है, टीएमसी के अलावा इस पर कोई अस्पष्टता नहीं है।

विपक्ष के सांसद राज्यसभा में नियम 267 के तहत कार्यस्थगन नोटिस और लोकसभा में स्थगन नोटिस लगातार पिछले एक हफ्ते से चला रहे हैं, कांग्रेस के नेतृत्व वाला विपक्ष सरकार को घेरने की कोशिश कर रहा है।

बीजेपी भी इस मुद्दे को खत्म नहीं होने दे रही है और सत्ता पक्ष राहुल गांधी के लंदन भाषण पर सवाल उठा रहा है और माफी की मांग कर रहा है।

मंत्रियों और यहां तक कि भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने राहुल गांधी की लोकतंत्र टिप्पणी को इस राष्ट्रविरोधी टूलकिट का स्थायी हिस्सा करार दिया। नड्डा ने कहा, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस पार्टी राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में लिप्त है। राष्ट्र द्वारा बार-बार खारिज किए जाने के बाद, राहुल गांधी अब इस राष्ट्रविरोधी टूलकिट का स्थायी हिस्सा बन गए हैं।

राहुल गांधी ने गुरुवार को कहा कि अगर अनुमति दी गई, तो वह सदन के अंदर बोलेंगे और उन्होंने ऐसा कुछ भी नहीं बोला है, जो भारत विरोधी हो।

गांधी ने माफी की भाजपा की मांग के बारे में कार्ड का खुलासा नहीं किया, लेकिन कांग्रेस ने कहा है कि माफी का कोई सवाल ही नहीं है और पार्टी नेता सदन में बोलने के लिए अध्यक्ष की अनुमति मांगेंगे।

संसद के दोनों सदनों में, सत्ता पक्ष की ओर से नारेबाजी करते हुए, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी से उनके लंदन के भाषण के लिए माफी मांगने की मांग करते हुए देखा गया था, जहां उन्होंने कहा था कि भारत में लोकतांत्रिक मूल्य खतरे में हैं।

इस हफ्ते भी राज्यसभा में भी ऐसा ही नजारा देखने को मिला, जब विपक्षी सदस्य ऊपरी सदन में अदानी मामले पर विरोध जताते हुए वेल में आ गए।

कांग्रेस के संचार मामलों के प्रभारी कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, विपक्ष जेपीसी की मांग पर एकजुट है और इसके विपरीत कुछ भी गलत है।

जहां कांग्रेस सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ कथित अपमानजनक बयान के लिए प्रधानमंत्री से माफी की मांग कर रही है, वहीं कांग्रेस प्रमुख और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने मोदी पर निशाना साधा।

उन्होंने ट्वीट किया, मैं आपको चीन में दिए गए आपके बयान की याद दिलाना चाहता हूं। आपने कहा था, पहले, आपको भारतीय होने पर शर्म आती थी। अब आप देश का प्रतिनिधित्व करने में गर्व महसूस करते हैं क्या यह भारत और भारतीयों का अपमान नहीं था?

अगर दोनों पक्ष अपने निर्धारित रुख से नीचे नहीं उतरे, तो इस सप्ताह भी गतिरोध जारी रहेगा।

--आईएएनएस

सीबीटी