पार्थ चटर्जी की सरस्वती पूजा में हिस्सा लेने की अर्जी खारिज

कोलकाता, 25 जनवरी (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी की गुरुवार को सरस्वती पूजा के अवसर पर विद्या की देवी की पूजा करने की इच्छा ठुकरा दी गई है।
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पार्थ चटर्जी की सरस्वती पूजा में हिस्सा लेने की अर्जी खारिज
कोलकाता, 25 जनवरी (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी की गुरुवार को सरस्वती पूजा के अवसर पर विद्या की देवी की पूजा करने की इच्छा ठुकरा दी गई है।

तृणमूल कांग्रेस के पूर्व महासचिव चटर्जी वर्तमान में करोड़ों रुपये के शिक्षक भर्ती घोटाले में कथित संलिप्तता के लिए प्रेसीडेंसी केंद्रीय सुधार गृह में न्यायिक हिरासत में हैं। उन्होंने जेल प्रशासन से अपील की थी कि उन्हें जेल परिसर में आयोजित सरस्वती करने की अनुमति दी जाए। हालांकि, राज्य सुधार सेवा विभाग के सूत्रों ने कहा कि सुरक्षा कारणों से उनकी इच्छा ठुकरा दी गई है।

पश्चिम बंगाल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (डब्ल्यूबीबीएसई) के पूर्व कल्याणमय गंगोपाध्याय और पश्चिम बंगाल स्कूल सर्विस कमीशन (डब्ल्यूबीएसएससी) के पूर्व अध्यक्ष सुबिरेश भट्टाचार्य, जो समान आरोपों के तहत एक ही सुधार गृह में रखे गए हैं, उनकी इसी तरह की दलीलों को भी खारिज कर दिया गया है।

तृणमूल कांग्रेस के विधायक और पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड (डब्ल्यूबीबीपीई) के पूर्व अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य को भी शुभ अवसर पर पूजा करने से मना कर दिया गया है।

राज्य सुधार सेवा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने अपना नाम बताने से इनकार करते हुए कहा, जैसा कि पूर्व मंत्री और इस सुधार गृह में रखे गए अन्य लोगों को अन्य कैदियों से उपहास का सामना करना पड़ता है, जब उन्हें आधिकारिक कारणों से अपने सेल से बाहर लाया जाता है। अदालत के आदेश के अनुसार, जब पूर्व मंत्री को उनके सेल से बाहर लाया जाएगा, तो जेल अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि अन्य कैदी उनके संबंधित सेल या बैरक में बंद हों। इसलिए अगर हम उन्हें जेल पुस्तकालय के पूजा स्थल पर पूजा करने की अनुमति देते हैं, तो उस समय अन्य सभी कैदियों को अपने जेलों में बंद रहना होगा। इस पर विचार करना एक कठिन प्रस्ताव है। लिहाजा पूर्व मंत्री की याचिका खारिज कर दी गई है।

हर साल, दक्षिण कोलकाता में प्रेसीडेंसी सेंट्रल करेक्शनल होम के भीतर सरस्वती पूजा का आयोजन किया जाता है। राज्य सरकार द्वारा वित्त पोषण प्रदान किया जाता है, जबकि अन्य व्यवस्था कैदियों द्वारा की जाती है। कोई भी ब्राह्मण कैदी इस अवसर पर एक पुजारी के रूप में हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार अभ्यास करता है। इस अवसर पर बंदियों को विशेष शाकाहारी मेन्यू परोसा जाता है।

--आईएएनएस

एसकेके/एसकेपी