PM किसान योजना की 21वीं किस्त: बाढ़ प्रभावित किसानों को मिली राहत

PM किसान योजना का महत्व
भारत के किसानों के लिए PM Kisan Scheme (पीएम किसान योजना) एक महत्वपूर्ण पहल है, जो 2019 में शुरू हुई थी। यह योजना छोटे और सीमांत किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करने का एक प्रभावी साधन बन चुकी है। इसके अंतर्गत किसानों को हर वर्ष 6,000 रुपये की सहायता मिलती है, जो तीन समान किस्तों में उनके बैंक खातों में सीधे जमा की जाती है.
21वीं किस्त का ऐलान
हाल ही में PM Kisan Scheme (पीएम किसान योजना) की 21वीं किस्त की घोषणा की गई है, जिसमें विशेष रूप से बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित किसानों को प्राथमिकता दी गई है। यह कदम किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण सहारा साबित हो सकता है.
किसानों को मिली राशि
केंद्र सरकार ने 26 सितंबर 2025 को इस योजना की 21वीं किस्त जारी की। इस बार पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के किसानों को प्राथमिकता दी गई है, क्योंकि इन क्षेत्रों में हाल ही में बाढ़ और भूस्खलन ने व्यापक नुकसान पहुंचाया था। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि यह किस्त किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण राहत साबित होगी.
कितनी राशि का वितरण?
कृषि मंत्रालय के अनुसार, इस बार 27 लाख से अधिक किसानों के बैंक खातों में 540 करोड़ रुपये से अधिक की राशि ट्रांसफर की गई है। यह राशि PM Kisan Scheme (पीएम किसान योजना) के तहत डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से भेजी गई है। इसमें 2.7 लाख महिला किसान भी शामिल हैं, जिन्हें इस सहायता का लाभ मिला है. प्रत्येक किसान के खाते में 2,000 रुपये की किस्त जमा की गई है, जो न केवल आर्थिक मदद है, बल्कि उनकी हिम्मत को भी बढ़ावा देती है.
कृषि मंत्री का बयान
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि यह किस्त बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित किसानों के लिए एक बड़ी राहत है। उन्होंने बताया कि PM Kisan Scheme (पीएम किसान योजना) का उद्देश्य किसानों को आत्मविश्वास प्रदान करना और खेती के प्रति उनके उत्साह को बढ़ाना है. प्राकृतिक आपदाओं ने किसानों की स्थिति को कठिन बना दिया था, ऐसे में समय पर किस्त जारी करना सरकार का एक बड़ा समर्थन है.
PM किसान योजना की विशेषताएँ
PM Kisan Scheme (पीएम किसान योजना) को किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए 2019 में शुरू किया गया था। इस योजना के तहत योग्य किसानों को सालाना 6,000 रुपये की सहायता मिलती है, जो तीन किस्तों में उनके बैंक खातों में जाती है। इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को अपनी खेती योग्य भूमि का विवरण देना होता है, साथ ही आधार कार्ड और बैंक खाता लिंक करना आवश्यक है. यह योजना न केवल आर्थिक सहायता प्रदान करती है, बल्कि किसानों के जीवन स्तर को भी सुधारने में मदद करती है.