NIA ने जाली नोटों के तस्करी गिरोह का किया पर्दाफाश

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने नेपाल से भारत में जाली भारतीय नोटों की तस्करी करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस मामले में चार आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया गया है। जांच में यह भी सामने आया है कि गिरोह का पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी से संबंध है, जो भारत की आर्थिक स्थिरता को कमजोर करने की कोशिश कर रहा था। NIA अब इस गिरोह के अन्य नेटवर्क का पता लगाने में जुटी है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और आगे की कार्रवाई के बारे में।
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जाली नोटों की तस्करी का मामला

भारत में आर्थिक स्थिरता को खतरे में डालने वाले एक गिरोह का खुलासा राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने किया है। नेपाल से भारत में जाली भारतीय नोटों की तस्करी के आरोप में चार व्यक्तियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया गया है, जिनमें मो. नजर सद्दाम, मो. वारिस, मो. जाकिर हुसैन और मुजफ्फर अहमद वानी उर्फ सरफराज शामिल हैं।


तस्करी की जानकारी

मोतिहारी पुलिस ने सितंबर 2024 में 1,95,000 रुपये के जाली नोट जब्त किए थे। जांच में यह सामने आया कि आरोपियों ने मिलकर नेपाल से भारत में जाली मुद्रा की तस्करी की और इसके लिए धन और रसद की व्यवस्था की।


पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी का संबंध

सूत्रों के अनुसार, मुजफ्फर अहमद वानी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के साथ मिलकर काम कर रहा था, जिसका उद्देश्य भारत के आर्थिक तंत्र को कमजोर करना था।


NIA की कार्रवाई

मोतिहारी पुलिस ने अक्टूबर 2024 में आरोपपत्र दायर किया था, जिसके बाद दिसंबर 2024 में NIA ने मामले की जांच अपने हाथ में ली। एजेंसी अब इस गिरोह के अन्य नेटवर्क और संबंधों का पता लगाने की कोशिश कर रही है।


राष्ट्रीय सुरक्षा पर खतरा

NIA ने इस गिरोह को भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा बताया है। यह गिरोह वैश्विक स्तर पर आर्थिक प्रणाली को प्रभावित करने की साजिश कर रहा था।


जांच की आगे की प्रक्रिया

जांच एजेंसी ने स्पष्ट किया है कि वह इस गिरोह के खिलाफ कठोर कार्रवाई करेगी और तस्करी से जुड़े सभी व्यक्तियों को कानून के कठोर दंड के दायरे में लाएगी।