NIA ने PFI के नेताओं पर हथियारों की डील का आरोप लगाया
PFI पर गंभीर आरोप
सांकेतिक तस्वीर.
नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने दिल्ली की अदालत में PFI लीडरशिप केस के संबंध में अपनी बहस समाप्त करते हुए कहा कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) देश की एकता और अखंडता के लिए एक बड़ा खतरा है। इसके साथ ही, PFI की चार्जशीट में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।
NIA की जांच में यह सामने आया है कि PFI के नेता पड़ोसी देशों से हथियारों की खरीदारी कर रहे थे। इसके साथ ही, हथियारों की ट्रेनिंग देने का भी प्रयास किया गया। NIA ने इस मामले में PFI के 20 नेताओं पर आरोप लगाए हैं। यह मामला उस साजिश से जुड़ा है, जिसका उद्देश्य मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथी बनाना और हिंदुओं के खिलाफ दुश्मनी को बढ़ावा देना बताया गया है।
NIA का कोर्ट में बयान
NIA ने दिल्ली की एक अदालत में कहा कि PFI ने पड़ोसी देशों से हथियार खरीदने और अपने सदस्यों को हथियारों की ट्रेनिंग देने की कोशिश की थी। यह जानकारी NIA के विशेष सार्वजनिक अभियोजक राहुल त्यागी ने शनिवार को विशेष जज प्रशांत शर्मा के समक्ष 20 आरोपी PFI नेताओं के खिलाफ आरोपों पर बहस के दौरान दी।
त्यागी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि PFI के नेता पड़ोसी देशों से हथियार लाने और अपने सदस्यों को हथियारों की ट्रेनिंग देने के प्रयासों में शामिल थे। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कुछ सदस्यों को इस्लामिक स्टेट से लड़ाई के तरीकों को सीखने के लिए सीरिया भेजा गया था, ताकि उन तरीकों को भारत में लागू किया जा सके।
PFI का हिट स्क्वाड
प्रॉसिक्यूटर के अनुसार, संगठन ने विशेष हिट स्क्वाड बनाए थे, जो बीजेपी, RSS और VHP के नेताओं की सूची रखते थे और कथित तौर पर उन पर नजर रखते थे.
