NEET UG 2026: कोचिंग की भूमिका और परीक्षा की तैयारी के टिप्स

NEET UG 2026 परीक्षा में सफलता पाने के लिए कोचिंग की भूमिका महत्वपूर्ण हो गई है। इस लेख में हम जानेंगे कि कैसे कोचिंग छात्रों को बेहतर स्कोर प्राप्त करने में मदद करती है और परीक्षा की तैयारी के लिए क्या रणनीतियाँ अपनाई जा सकती हैं। जानें कि एक सीट के लिए कितने दावेदार होते हैं और कैसे सही मार्गदर्शन से बिना कोचिंग के भी परीक्षा पास की जा सकती है।
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NEET UG 2026: कोचिंग की भूमिका और परीक्षा की तैयारी के टिप्स

NEET UG 2026: परीक्षा का महत्व

NEET UG 2026: कोचिंग की भूमिका और परीक्षा की तैयारी के टिप्स


परीक्षा पेन-पेपर मोड में आयोजित की जाती है.
Image Credit source: freepik


NEET UG 2026: यह परीक्षा हर साल एमबीबीएस, बीडीएस और अन्य मेडिकल यूजी पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आयोजित की जाती है। 2025 में यह परीक्षा 4 मई को हुई थी, और 2026 में भी मई में होने की संभावना है। एनटीए द्वारा रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया फरवरी के पहले सप्ताह में शुरू होने की उम्मीद है। यह परीक्षा मेडिकल छात्रों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। आइए जानते हैं कि नीट यूजी में अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए कोचिंग क्यों आवश्यक हो गई है।


नीट यूजी परीक्षा का स्वरूप

नीट यूजी परीक्षा कुल 720 अंकों की होती है, जिसमें 180 बहुविकल्पीय प्रश्न (भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान) शामिल होते हैं। सही उत्तर पर 4 अंक मिलते हैं, जबकि गलत उत्तर पर 1 अंक काटा जाता है। बायोलॉजी स्ट्रीम से 12वीं पास या इस वर्ष बोर्ड परीक्षा देने वाले छात्र नीट यूजी 2026 में भाग ले सकते हैं।


कंपटीशन का स्तर

1 सीट के लिए 20 दावेदार


हर साल नीट यूजी परीक्षा में लगभग 20 लाख से अधिक छात्र भाग लेते हैं। देश में एमबीबीएस की कुल 1,26,600 सीटें हैं, जो सभी सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों में वितरित हैं। इस प्रकार, एक सीट के लिए लगभग 20 दावेदार होते हैं, जिससे प्रतियोगिता अत्यधिक कठिन हो जाती है। एक अंक का अंतर भी रैंकिंग में बड़ा बदलाव ला सकता है।


कोचिंग का महत्व

बेहतर स्कोर के लिए कोचिंग क्यों आवश्यक है?


कोचिंग संस्थान छात्रों को बताते हैं कि किस विषय से किस प्रकार के प्रश्न पूछे जा सकते हैं। इससे छात्रों को तैयारी में मदद मिलती है। इसके अलावा, कोचिंग संस्थान नियमित और साप्ताहिक लक्ष्य निर्धारित करते हैं और विषयवार तैयारी कराते हैं।


प्रैक्टिस और तैयारी

माॅक टेस्ट और प्रैक्टिस टेस्ट से तैयारी


विशेषज्ञों का मानना है कि कोचिंग संस्थान माॅक टेस्ट और प्रैक्टिस सीरीज पर ध्यान केंद्रित करते हैं, जिससे छात्रों को अपनी कमजोरियों का पता चलता है। इससे वे उन विषयों पर अधिक ध्यान दे पाते हैं, जिनमें वे कमजोर हैं। हालांकि, यह जरूरी नहीं है कि छात्र केवल कोचिंग के माध्यम से ही नीट यूजी परीक्षा पास करें। सही मार्गदर्शन और अच्छी तैयारी के साथ, कई छात्र बिना कोचिंग के भी परीक्षा उत्तीर्ण करते हैं।