NCTE का बड़ा फैसला: 3500 बीएड कॉलेजों को मिलेगा एक और मौका
NCTE का निर्णय
NCTE ने लिया फैसला
देशभर के 3500 बीएड कॉलेजों के लिए राहत की सूचना आई है। पहले, नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (NCTE) ने इन कॉलेजों की मान्यता रद्द करने का निर्णय लिया था। हाल ही में हुई NCTE की बैठक में इन कॉलेजों को एक और अवसर देने का निर्णय लिया गया है। इससे न केवल कॉलेजों को, बल्कि वहां पढ़ रहे छात्रों को भी बड़ी राहत मिली है। यदि इस बार भी ये कॉलेज आवश्यक कार्रवाई पूरी नहीं कर पाते हैं, तो NCTE उनकी मान्यता रद्द कर सकता है।
आइए जानते हैं कि यह मामला क्या है? 3500 बीएड कॉलेजों की मान्यता पर संकट क्यों है? NCTE की बैठक में क्या निर्णय लिया गया है? और इन कॉलेजों को अब क्या करना होगा।
प्रदर्शन मूल्यांकन रिपोर्ट जमा नहीं की गई थी
वास्तव में, 3500 बीएड कॉलेजों ने 2021-22 और 2022-23 में प्रदर्शन मूल्यांकन रिपोर्ट जमा नहीं की थी। इस पर आवश्यक कार्रवाई करते हुए NCTE ने इन कॉलेजों की मान्यता रद्द कर दी थी। देश में कुल 15,500 बीएड कॉलेज हैं।
हाईकोर्ट ने फैसले पर रोक लगाई
इन कॉलेजों ने NCTE के निर्णय को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। इनमें से 1000 कॉलेजों ने दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया था। हाईकोर्ट ने इन कॉलेजों को राहत देते हुए NCTE के निर्णय पर अंतरिम रोक लगा दी।
NCTE फिर से PR पोर्टल खोलेगा, रिपोर्ट जमा करना अनिवार्य
किसी भी बीएड कॉलेज को अपनी मान्यता बनाए रखने के लिए अनिवार्य रूप से मूल्यांकन रिपोर्ट (PR) जमा करानी होती है। हाईकोर्ट द्वारा अंतरिम रोक लगाने के बाद NCTE ने इसे चुनौती नहीं दी, और 3500 बीएड कॉलेजों को PR जमा कराने का एक और मौका देने का निर्णय लिया है। हाल ही में NCTE के अध्यक्ष पंकज अरोड़ा की अध्यक्षता में एक बैठक हुई, जिसमें यह निर्णय लिया गया कि मान्यता खो चुके 3,500 से अधिक बीएड कॉलेजों के लिए PR पोर्टल फिर से खोला जाएगा।
इसके तहत बीएड कॉलेजों को अपनी पिछली PR रिपोर्ट जमा कराने के लिए फीस के साथ आवेदन करना होगा। प्राइवेट बीएड कॉलेजों को 15,000 रुपये और सरकारी बीएड कॉलेजों को 5,000 रुपये की फीस के साथ आवेदन करना होगा। यदि कोई बीएड कॉलेज PR जमा नहीं कर पाता है, तो उसकी मान्यता फिर से रद्द कर दी जाएगी।
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