NCP विधायक संग्राम जगताप के विवादास्पद बयान पर पार्टी की सख्त प्रतिक्रिया

NCP विधायक संग्राम जगताप के हालिया विवादास्पद बयान ने पार्टी में हलचल मचा दी है। उन्होंने कहा कि हिंदुओं को केवल हिंदू दुकानों से सामान खरीदना चाहिए, जिस पर उप-मुख्यमंत्री अजित पवार ने सख्त प्रतिक्रिया दी। जगताप ने अपने बयान पर कायम रहते हुए स्पष्टीकरण दिया है, जबकि पार्टी की धर्मनिरपेक्ष छवि को खतरा उत्पन्न हो गया है। जानें इस मामले में और क्या हो रहा है।
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NCP विधायक संग्राम जगताप के विवादास्पद बयान पर पार्टी की सख्त प्रतिक्रिया

संग्राम जगताप का विवादित बयान

NCP विधायक संग्राम जगताप के विवादास्पद बयान पर पार्टी की सख्त प्रतिक्रिया

संग्राम अरुण जगताप और अजित पवार

NCP विधायक संग्राम अरुण जगताप के हालिया बयान ने पार्टी में हलचल मचा दी है। पिछले सप्ताह उन्होंने कहा था कि हिंदुओं को केवल हिंदू दुकानों से खरीदारी करनी चाहिए। इस पर महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री अजित पवार ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "हमने इस मामले में उन्हें नोटिस भेजा है। मैंने सभी से अपील की है कि महाराष्ट्र में विभिन्न समुदायों के बीच कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए।" अब जगताप ने अपने बयान पर कायम रहते हुए स्पष्टीकरण दिया है।

उन्होंने कहा कि हर किसी को अपनी बात रखने का अधिकार है, लेकिन यह भी जरूरी है कि किसी अन्य समुदाय को ठेस न पहुंचे। जगताप ने कहा, "मैं नोटिस का जवाब दूंगा।" उन्होंने अपने विवादास्पद बयान पर कहा, "हां, पार्टी ने मुझे नोटिस जारी किया है। मैं जल्द ही इसका उत्तर दूंगा।"

यह टिप्पणी उनके निर्वाचन क्षेत्र में ‘आई लव मुहम्मद’ के खिलाफ हुए प्रदर्शनों के बाद आई है, जिसमें सांप्रदायिक तनाव उत्पन्न हुआ था। इन प्रदर्शनों के बाद हुई हिंसा में 30 लोग हिरासत में लिए गए थे।


जगताप के बयान पर पार्टी की प्रतिक्रिया

नोटिस के बावजूद जगताप का रुख नहीं बदला

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से नोटिस मिलने के बावजूद, संग्राम जगताप ने अपने बयान पर कोई बदलाव नहीं किया है। मंगलवार को उन्होंने एक बार फिर मुस्लिम समुदाय पर आरोप लगाते हुए कहा कि हिंदू महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार के मामलों के लिए ‘जिहादी’ जिम्मेदार हैं।

पार्टी की धर्मनिरपेक्ष छवि पर खतरा

जगताप के इस तरह के विवादास्पद बयानों से पार्टी की धर्मनिरपेक्ष छवि को नुकसान पहुंच सकता है, जो उसे बीजेपी और शिवसेना से अलग पहचान देती है। अजित पवार का जाति और धर्म से जुड़े वोट बैंक पर भरोसा पिछले विधानसभा चुनाव में अल्पसंख्यक समुदायों का समर्थन हासिल करने में महत्वपूर्ण साबित हुआ था।

पार्टी के प्रमुख को अपनी धर्मनिरपेक्ष छवि को बनाए रखने के लिए विधायक के खिलाफ कार्रवाई करनी होगी और साथ ही हिंदू समुदाय को ठेस पहुंचाए बिना संतुलन बनाना होगा।