Kia के इंजन चोरी मामले में पूर्व कर्मचारियों और स्क्रैप डीलरों की जांच

Kia के इंजन चोरी की जांच में नया मोड़
कुछ महीने पहले, Kia ने बताया था कि उसके आंध्र प्रदेश स्थित कारखाने से लगभग 1000 इंजन चोरी हो गए थे। हालिया अपडेट के अनुसार, जांच में यह सामने आया है कि दो पूर्व Kia कर्मचारी कथित तौर पर स्क्रैप डीलरों के साथ मिलकर तीन वर्षों में फर्जी दस्तावेजों और गेट पास का उपयोग करके इंजन चुराने में शामिल थे। Kia ने खुलासा किया है कि इस चोरी की लागत लगभग 2.3 मिलियन डॉलर थी।
Kia ने पहले स्पष्ट किया था कि इस तरह की चोरी के उनके लिए व्यापक परिणाम हो सकते हैं। इनमें औद्योगिक संचालन, हितधारकों का विश्वास और कर्मचारियों की सुरक्षा को खतरा शामिल हो सकता है। Hyundai से प्राप्त इंजन कथित तौर पर राज्य में ग्रे मार्केट में बेचे गए थे।
जांच की शुरुआत कैसे हुई
जांच की शुरुआत तब हुई जब Kia ने जनवरी 2025 में अपने स्टॉक पुनर्मिलान के दौरान अपने इन्वेंटरी रिकॉर्ड में विसंगतियाँ पाई। Kia ने मार्च में स्थानीय अधिकारियों को इस मुद्दे की सूचना दी। ब्रांड ने यह पहचान की कि लगभग 940 इंजन गायब हैं, जैसा कि रिपोर्ट में बताया गया है।
इस मामले की आगे की जांच में दो पूर्व Kia कर्मचारियों का पता लगाया गया है, जिनका हालिया ठिकाना अज्ञात है। जांच अधिकारी के. राघवन ने बताया कि चोरी एक समन्वित ऑपरेशन था, जिसमें फर्जी पंजीकरण प्लेट वाली ट्रकों का उपयोग किया गया, कई अवैध लेनदेन और फर्जी परिवहन चालान शामिल थे। जांचकर्ताओं ने मोबाइल फोन भी बरामद किए, जिनमें व्हाट्सएप चैट, परिवहन रिकॉर्ड और ट्रक की तस्वीरें थीं। Kia इंडिया ने एक बयान में पुष्टि की कि यह खोज इन्वेंटरी सिस्टम को अपग्रेड करते समय की गई थी। Kia अब अपनी प्रक्रिया शासन और निगरानी प्रणालियों को मजबूत कर रही है ताकि भविष्य में ऐसे घटनाओं को रोका जा सके।