ISRO का 6,500 किलोग्राम अमेरिकी संचार उपग्रह लॉन्च करने की योजना

भारत का नया उपग्रह मिशन
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अगले कुछ महीनों में 6,500 किलोग्राम का अमेरिकी संचार उपग्रह अपने रॉकेट से लॉन्च करने की तैयारी कर रहा है। यह जानकारी ISRO के अध्यक्ष वी. नारायणन ने दी। हाल ही में NISAR उपग्रह के सफल लॉन्च के बाद, यह ISRO और NASA के बीच एक नई साझेदारी का प्रतीक है।
ISRO की उपलब्धियाँ
ISRO ने अब तक 34 देशों के 433 उपग्रहों को अपने लॉन्च वाहनों के माध्यम से प्रक्षिप्त किया है। वर्तमान में, ISRO के पास 56 उपग्रह हैं, और अगले 2-3 वर्षों में इसे तीन गुना करने की योजना है। 1975 में SITE परियोजना के तहत अमेरिका द्वारा प्रदान किए गए उपग्रह डेटा के माध्यम से, ISRO ने 6 राज्यों में 2,400 गांवों में टेलीविजन सेट स्थापित किए थे।
NISAR उपग्रह का सफल लॉन्च
ISRO ने 30 जुलाई, 2025 को GSLV-F16 रॉकेट से NASA-ISRO Synthetic Aperture Radar (NISAR) उपग्रह को सफलतापूर्वक लॉन्च किया। यह दुनिया का पहला उपग्रह है जिसमें डुअल-बैंड रडार तकनीक का उपयोग किया गया है। इस परियोजना पर भारत और अमेरिका ने लगभग एक दशक पहले सहयोग करना शुरू किया था।
ISRO का योगदान
ISRO वर्तमान में 55 विभिन्न अनुप्रयोगों के माध्यम से देश में योगदान दे रहा है, जिसमें टेलीविजन प्रसारण, दूरसंचार, मौसम पूर्वानुमान, आपदा चेतावनी, नेविगेशन, और खाद्य एवं जल सुरक्षा शामिल हैं। वी. नारायणन ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान ISRO ने अपनी उपग्रह तकनीक का उपयोग करके नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की।
भविष्य की योजनाएँ
ISRO के पास वर्तमान में 56 उपग्रह हैं, और अगले 2-3 वर्षों में इसे तीन गुना करने की योजना है। गगनयान कार्यक्रम के तहत मानव को अंतरिक्ष में भेजने और 2035 तक अपना अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने का लक्ष्य है। 2040 तक, भारत अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में विकसित देशों के समकक्ष पहुँचने का इरादा रखता है।