ISKCON द्वारका में कृष्ण जन्माष्टमी पर डॉ. यास्मिन सिंह का मनमोहक कथक प्रदर्शन

ISKCON द्वारका में कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर डॉ. यास्मिन सिंह ने एक शानदार कथक प्रदर्शन किया, जिसने सभी भक्तों का मन मोह लिया। मध्य प्रदेश से आई डॉ. यास्मिन ने अपने साथी नर्तकों के साथ मिलकर भगवान कृष्ण की लीलाओं को नृत्य के माध्यम से जीवंत किया। इस कार्यक्रम में भक्तों की भारी भीड़ ने भाग लिया और नृत्य का आनंद लिया। जानें इस अद्भुत उत्सव के बारे में और कैसे यह भक्ति और आध्यात्मिकता का प्रतीक बन गया।
 | 
ISKCON द्वारका में कृष्ण जन्माष्टमी पर डॉ. यास्मिन सिंह का मनमोहक कथक प्रदर्शन

कृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव

कृष्ण जन्माष्टमी के पावन अवसर पर, ISKCON द्वारका में भक्ति और आध्यात्मिकता का अनोखा रंग देखने को मिला। प्रसिद्ध कथक नृत्यांगना डॉ. यास्मिन सिंह ने अपनी भावपूर्ण प्रस्तुति से सभी का दिल जीत लिया। इस सांस्कृतिक कार्यक्रम में बड़ी संख्या में भक्त शामिल हुए, जहाँ भगवान कृष्ण की दिव्य लीलाओं को नृत्य के माध्यम से जीवंत किया गया।


डॉ. यास्मिन का अनुभव

डॉ. यास्मिन ने कहा, "मैं मध्य प्रदेश से आई हूँ और मेरे साथी नर्तक देश के विभिन्न हिस्सों से हैं। हमने श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर एक नृत्य प्रस्तुत किया। आज जन्माष्टमी के अवसर पर प्रदर्शन करना मेरे लिए सौभाग्य की बात है... हम बहुत खुश हैं... दर्शकों ने भी हमारे प्रदर्शन का आनंद लिया।"


कृष्ण जन्माष्टमी का महत्व

कृष्ण जन्माष्टमी भगवान कृष्ण के अवतार का पर्व है। उन्हें हिंदू धर्म के सबसे revered देवताओं में से एक माना जाता है, जो प्रेम, करुणा और आध्यात्मिक ज्ञान के प्रतीक हैं। उनकी शिक्षाएँ आज भी लाखों लोगों के जीवन को मार्गदर्शित करती हैं।


यह त्योहार श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जाता है, जिसमें उपवास, दही हांडी, मंदिरों की सजावट, आरती और मंत्रों का जाप शामिल है।


नृत्य का जादू

डॉ. यास्मिन सिंह के प्रदर्शन में उनके चेहरे के भाव, हाथों के इशारे और लयबद्ध कदमों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।