IPS अधिकारी पूरन कुमार का आत्महत्या मामला: पत्नी ने लगाया मानसिक उत्पीड़न का आरोप

हरियाणा के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक वाई. पूरन कुमार ने आत्महत्या कर ली, जिसके बाद उनकी पत्नी ने मानसिक उत्पीड़न और जाति-आधारित भेदभाव का आरोप लगाया। सुसाइड नोट में उन्होंने अपनी संपत्तियों का वारिस पत्नी को बनाया और अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए। जानें इस मामले की पूरी कहानी और सुसाइड नोट में क्या लिखा था।
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IPS अधिकारी पूरन कुमार का आत्महत्या मामला: पत्नी ने लगाया मानसिक उत्पीड़न का आरोप

हरियाणा में IPS अधिकारी का आत्महत्या मामला

IPS अधिकारी पूरन कुमार का आत्महत्या मामला: पत्नी ने लगाया मानसिक उत्पीड़न का आरोप


हरियाणा के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक वाई. पूरन कुमार के आत्महत्या मामले ने पूरे देश में हलचल मचा दी है। उन्होंने चंडीगढ़ के सेक्टर-11 में अपने निवास पर आत्महत्या की। पुलिस को उनके द्वारा छोड़ी गई वसीयत और एक 9 पन्नों का सुसाइड नोट मिला है, जिसमें उन्होंने अपनी संपत्ति का विवरण दिया है। पूरन कुमार ने अपनी सभी संपत्तियों का वारिस अपनी पत्नी अमनीत कुमार को बनाया है, जो खुद एक IAS अधिकारी हैं।


अमनीत ने आरोप लगाया है कि उनके पति को मानसिक उत्पीड़न, जाति-आधारित भेदभाव और प्रताड़ना का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि उनके पति को जाति सूचक गालियों का सामना करना पड़ा। इस मामले की जांच पुलिस द्वारा की जा रही है।


सुसाइड नोट में पूरन कुमार ने लिखा है कि वह अपनी संपत्तियों का वारिस अपनी पत्नी को बनाते हैं, जिसमें उनके बैंक खाते, शेयर और अचल संपत्तियां शामिल हैं। उन्होंने अपनी अंतिम इच्छा को स्पष्ट रूप से व्यक्त किया है।


सुसाइड नोट में क्या लिखा था?


सुसाइड नोट में पूरन कुमार ने अपने अनुभवों को साझा किया है। उन्होंने बताया कि हरियाणा के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों ने 2020 से उनके साथ जाति-आधारित भेदभाव किया। उन्होंने कहा कि यह मानसिक उत्पीड़न और सार्वजनिक अपमान अब उनके लिए असहनीय हो गया है।


उन्होंने अपनी शिकायतों का जिक्र किया, जिसमें आईपीएस अधिकारियों के लिए नियमों का समान रूप से लागू होना, अवकाश की मंजूरी, और अन्य मुद्दे शामिल थे। लेकिन उनके अनुरोधों का समाधान करने के बजाय, अधिकारियों ने उनके खिलाफ प्रतिशोधात्मक कदम उठाए।


15 IAS-IPS अधिकारियों पर आरोप


पूरन कुमार ने अपने सुसाइड नोट में 15 IAS-IPS अधिकारियों पर भेदभाव और अपमानित करने के गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ लगातार झूठी शिकायतें की जा रही थीं।


गृह मंत्री को दी थी शिकायत


उन्होंने लिखा कि उनके बैचमेट्स ने मिलकर उनके साथ जाति-आधारित उत्पीड़न किया और इस संबंध में उन्होंने तत्कालीन गृह मंत्री को लिखित शिकायत दी थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।


8 नवंबर 2024 को मिली थी चेतावनी


पूरन कुमार ने लिखा कि 8 नवंबर 2024 को उन्हें एक पुलिस अधिकारी द्वारा चेतावनी दी गई थी कि उन्हें हटाने का आदेश दिया गया है। इसके बाद उन्हें सावधान रहने की धमकी भी दी गई।