INS एंड्रोथ: भारतीय नौसेना का नया पनडुब्बी रोधी युद्ध पोत
भारतीय नौसेना ने INS एंड्रोथ को अपने बेड़े में शामिल किया है, जो पनडुब्बी रोधी युद्ध क्षमताओं को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह पोत स्वदेशी तकनीक से निर्मित है और भारत की रक्षा निर्माण में आत्मनिर्भरता को दर्शाता है। जानें इस नए पोत के महत्व और इसकी क्षमताओं के बारे में।
Oct 6, 2025, 15:42 IST
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INS एंड्रोथ का नौसेना में शामिल होना
भारतीय नौसेना ने सोमवार को विशाखापत्तनम में एक समारोह के दौरान अपने दूसरे पनडुब्बी रोधी युद्ध पोत, INS एंड्रोथ को अपने बेड़े में शामिल किया। इस कार्यक्रम में वरिष्ठ नौसेना अधिकारी और शिपयार्ड के प्रतिनिधि शामिल हुए, जिसमें पूर्वी नौसेना कमान (ENC) के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ वाइस एडमिरल राजेश पेंढारकर ने अध्यक्षता की। कोलकाता की एक जहाज निर्माण कंपनी द्वारा निर्मित, यह पोत समुद्री सुरक्षा के लिए तेजी से महत्वपूर्ण क्षेत्रों में संचालन के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किया गया है। नौसेना के अनुसार, एंड्रोथ के शामिल होने से उसकी पनडुब्बी रोधी युद्ध क्षमताएँ बढ़ेंगी, खासकर तटीय और उथले जल में, जो भारत की घरेलू रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने के प्रयासों को दर्शाता है।
ईएनसी द्वारा जारी एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि एंड्रोथ का जलावतरण नौसेना के स्वदेशीकरण और क्षमता संवर्धन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह विकास स्थानीय तकनीक और विशेषज्ञता के माध्यम से रक्षा निर्माण में आत्मनिर्भरता बढ़ाने की व्यापक राष्ट्रीय रणनीति के अनुरूप है। इस पोत का निर्माण 80 प्रतिशत से अधिक घटकों को भारत में ही प्राप्त करके किया गया है, जो देश की बढ़ती जहाज निर्माण क्षमता को दर्शाता है। एंड्रोथ को समुद्री इंजीनियरिंग में भारत की बढ़ती दक्षता का प्रतीक माना जाता है। नौसेना ने इस बात पर जोर दिया कि यह दृष्टिकोण परिचालन आवश्यकताओं और घरेलू उद्योग विकास, दोनों का समर्थन करता है।