IndiGo एयरलाइन में परिचालन संकट: हजारों यात्रियों की उड़ानें रद्द

IndiGo एयरलाइन में हालिया परिचालन संकट के कारण हजारों यात्रियों की उड़ानें रद्द हो गई हैं। दिल्ली, बेंगलूरु और हैदराबाद में बड़ी संख्या में उड़ानें प्रभावित हुई हैं, जिससे यात्रियों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। नागरिक उड्डयन मंत्री ने एयरलाइन को फटकार लगाई है, जबकि राजनीतिक नेताओं ने इस स्थिति पर अपनी नाराजगी व्यक्त की है। जानें इस संकट के पीछे के कारण और यात्रियों के अधिकारों की स्थिति के बारे में।
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IndiGo एयरलाइन में परिचालन संकट: हजारों यात्रियों की उड़ानें रद्द

IndiGo एयरलाइन में अव्यवस्था का आलम

देश की सबसे बड़ी एयरलाइन IndiGo में परिचालन संबंधी गंभीर समस्याओं के कारण आज यात्रियों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। एयरलाइन ने दिल्ली हवाई अड्डे से सभी घरेलू उड़ानों को आज मध्यरात्रि तक रद्द करने का निर्णय लिया है, जिससे हजारों यात्रियों की यात्रा योजनाएं प्रभावित हुई हैं। दिल्ली में 220 से अधिक उड़ानें, जिनमें आगमन और प्रस्थान दोनों शामिल हैं, रद्द की गईं, जबकि बेंगलूरु में 100 से ज्यादा और हैदराबाद में 90 से अधिक उड़ानें रद्द की गई हैं। एयरपोर्ट पर लंबी कतारें, यात्रियों का गुस्सा और लगातार बदलती उड़ान स्थिति ने स्थिति को और भी गंभीर बना दिया है। बेंगलूरु के केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सैकड़ों यात्री अपने खोए हुए सामान की तलाश में भटकते नजर आए।


सिंगापुर के हाई कमिश्नर भी फंसे

इस अफरातफरी के बीच, सिंगापुर के हाई कमिश्नर साइमन वोंग भी फंस गए, जिनकी देवघर जाने वाली उड़ान अचानक रद्द कर दी गई। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि वे हजारों यात्रियों में शामिल हैं जो IndiGo की इस समस्या के कारण फंसे हुए हैं। उन्होंने अपने एक कर्मचारी के विवाह समारोह में शामिल न हो पाने पर खेद व्यक्त किया। इस बीच, यात्रियों की नाराजगी लगातार बढ़ती जा रही है।


IndiGo का बयान और भविष्य की योजनाएं

दूसरी ओर, एयरलाइन ने अपने बयान में कहा है कि पिछले दो दिनों में उसका नेटवर्क काफी बाधित हुआ है और यात्रियों को हुई कठिनाइयों के लिए खेद व्यक्त किया है। IndiGo ने DGCA को सूचित किया है कि वह 8 दिसंबर से उड़ानों में कटौती करेगी और पूरी तरह से स्थिर संचालन 10 फरवरी 2026 तक बहाल करने की योजना बना रही है। एयरलाइन ने स्वीकार किया कि FDTL (Flight Duty Time Limit) के दूसरे चरण को लागू करने में गलत आकलन और योजना की कमी के कारण यह संकट उत्पन्न हुआ।


नागरिक उड्डयन मंत्री की प्रतिक्रिया

इस बीच, नागरिक उड्डयन मंत्री के. राममोहन नायडू ने इस स्थिति पर कड़ी नाराजगी जताई और IndiGo को फटकार लगाते हुए निर्देश दिया कि वह तुरंत संचालन को स्थिर करे और किराए को नियंत्रित रखे। मंत्री ने कहा कि एयरलाइन के पास नए FDTL मानदंडों के लिए तैयारी करने का पर्याप्त समय था, लेकिन वह सुचारु परिवर्तन सुनिश्चित करने में विफल रही।


राजनीतिक प्रतिक्रिया

राजनीतिक प्रतिक्रिया भी सामने आई है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस संकट को “सरकार के एकाधिकार मॉडल की कीमत” बताया। उन्होंने कहा कि देश को हर क्षेत्र में पारदर्शी प्रतिस्पर्धा की आवश्यकता है, न कि “मैच फिक्सिंग जैसी एकाधिकार प्रवृत्तियां”, जिसका खामियाज़ा हमेशा आम यात्रियों को भुगतना पड़ता है। वहीं अन्य विपक्षी नेताओं ने भी इस मुद्दे पर सरकार को घेरा है, जिसके जवाब में सत्ता पक्ष के सांसदों ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।


स्थिति की गंभीरता

हालांकि नेता चाहे जो कहें, देश के कई प्रमुख एयरपोर्ट्स पर यातायात बुरी तरह बाधित है और स्थिति के जल्द सामान्य होने की कोई स्पष्ट समय-सीमा नहीं दिख रही है। IndiGo जैसी विशाल एयरलाइन का इस तरह एक ही झटके में ढह जाना केवल परिचालन गलतियों की कहानी नहीं है, बल्कि उस व्यापक नियामकीय और कॉर्पोरेट संस्कृति की झलक भी है, जिसमें योजना से अधिक विस्तार को महत्व दिया जाता है। FDTL के नए मानदंडों का उद्देश्य पायलटों की थकान कम करना और उड्डयन सुरक्षा सुनिश्चित करना है और इसमें लापरवाही की कोई गुंजाइश नहीं हो सकती। यात्रियों के अधिकारों का भी ध्यान रखना आवश्यक है, जिसमें भोजन, होटल व्यवस्था और सटीक सूचना जैसी वैधानिक और नैतिक जिम्मेदारियां शामिल हैं।