IMF ने पाकिस्तान के व्यापार आंकड़ों में हेरफेर पर उठाए सवाल

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने पाकिस्तान के व्यापार आंकड़ों में 11 अरब डॉलर की विसंगति का पता लगाया है, जिससे देश की आर्थिक स्थिति पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। IMF ने पाकिस्तान से इस अंतर का स्पष्टीकरण मांगा है, जिससे उसकी अंतरराष्ट्रीय छवि को नुकसान पहुंच सकता है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि पाकिस्तान के विभिन्न सरकारी विभागों के आंकड़ों में भारी अंतर है, जो वित्तीय धोखाधड़ी की ओर इशारा करता है। क्या पाकिस्तान अपनी गलती स्वीकार करेगा और सही आंकड़े सार्वजनिक करेगा? जानें पूरी कहानी में।
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IMF ने पाकिस्तान के व्यापार आंकड़ों में हेरफेर पर उठाए सवाल

पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति पर IMF की कड़ी नजर

IMF ने पाकिस्तान के व्यापार आंकड़ों में हेरफेर पर उठाए सवाल


अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने पाकिस्तान के वित्तीय आंकड़ों में गड़बड़ी का पता लगाया है।


पाकिस्तान, जो पहले से ही आर्थिक संकट का सामना कर रहा है, अब IMF को धोखा देने की कोशिश कर रहा है, जो उसकी मदद के लिए प्रयासरत है। यह मामला 11 अरब डॉलर (लगभग 97,613 करोड़ रुपये) के व्यापार आंकड़ों में विसंगति से संबंधित है। जब IMF ने पाकिस्तान के सरकारी आंकड़ों की जांच की, तो स्थिति स्पष्ट हो गई। IMF ने पाकिस्तान से स्पष्ट रूप से कहा है कि उसे इस बड़े अंतर का कारण बताना होगा और सभी आंकड़ों का सही हिसाब देना होगा। इस घटना ने न केवल पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय छवि को नुकसान पहुंचाया है, बल्कि उसके आर्थिक आंकड़ों की विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।


11 अरब डॉलर की विसंगति का खुलासा

यह मामला तब सामने आया जब पाकिस्तान के विभिन्न सरकारी विभागों द्वारा जारी व्यापार आंकड़ों में बड़ा अंतर पाया गया। एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले दो वित्तीय वर्षों के आयात आंकड़ों में 11 अरब डॉलर की विसंगति मिली है। IMF की इस सख्ती ने पाकिस्तान के आर्थिक संकेतकों, विशेषकर चालू खाता अधिशेष की गणना की सटीकता पर सवाल उठाए हैं। यह वही डेटा है जिस पर IMF जैसे संस्थान किसी देश की आर्थिक स्थिति का आकलन करते हैं और वित्तीय सहायता का निर्णय लेते हैं। ऐसे में आंकड़ों में इस तरह की हेरफेर गंभीर वित्तीय धोखाधड़ी का संकेत देती है।


पाकिस्तान की पोल खुलने के संकेत

रिपोर्ट के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान पाकिस्तान के रेवेन्यू ऑटोमेशन लिमिटेड (PRAL) द्वारा जारी आयात आंकड़े पाकिस्तान सिंगल विंडो (PSW) के आंकड़ों से 5.1 अरब डॉलर कम थे। पिछले वित्तीय वर्ष में यह अंतर 5.7 अरब डॉलर था। PSW का डेटा अधिक विश्वसनीय माना जाता है और यही डेटा स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान द्वारा भी उपयोग किया जाता है। जब IMF ने पाकिस्तान के सांख्यिकी ब्यूरो और योजना मंत्रालय से इन आंकड़ों पर सवाल उठाए, तो अधिकारियों के पसीने छूट गए। IMF ने स्पष्ट किया कि सरकार को डेटा में इस गड़बड़ी को सुधारने के लिए एक स्पष्ट नीति अपनानी चाहिए।


पाकिस्तान ने अपनी गलती स्वीकार की

IMF की सख्ती के बाद, पाकिस्तानी अधिकारियों ने स्वीकार किया कि जिनेवा स्थित अंतरराष्ट्रीय व्यापार केंद्र को भेजे गए आंकड़े अधूरे थे। उन्होंने यह बहाना बनाया कि यह सब PRAL से PSW में ट्रांजिशन के कारण हुआ। असल में, PRAL केवल सात प्रकार की माल घोषणाओं को कवर करता था, जबकि PSW सिस्टम 15 प्रकार की घोषणाओं को प्रोसेस करता है। जांच में पता चला कि कपड़ा क्षेत्र में लगभग 3 अरब डॉलर के आयात को आधिकारिक आंकड़ों से गायब कर दिया गया था। इसके अलावा, मेटल समूह के आयात में भी करीब 1 अरब डॉलर की कम रिपोर्टिंग की गई थी। अब सबसे बड़ी चुनौती यह है कि IMF की पारदर्शिता की मांग के बावजूद, पाकिस्तानी अधिकारी इन संशोधित आंकड़ों को सार्वजनिक करने से हिचकिचा रहे हैं।