ICICI लोम्बार्ड की रिपोर्ट: भारत में स्वास्थ्य संकट और Gen Z की बिगड़ती स्थिति

ICICI लोम्बार्ड की हालिया रिपोर्ट में भारत में मधुमेह के बढ़ते मामलों और Gen Z की बिगड़ती स्वास्थ्य स्थिति का खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार, हर 100 में से 17 लोग मधुमेह से ग्रस्त हैं, और युवा पीढ़ी में स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। कॉरपोरेट कर्मचारियों में तनाव और थकान की समस्या भी गंभीर है। जानें इस रिपोर्ट में और क्या जानकारी दी गई है।
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ICICI लोम्बार्ड की रिपोर्ट: भारत में स्वास्थ्य संकट और Gen Z की बिगड़ती स्थिति

ICICI लोम्बार्ड की स्वास्थ्य रिपोर्ट

ICICI लोम्बार्ड की रिपोर्ट: भारत में स्वास्थ्य संकट और Gen Z की बिगड़ती स्थिति


क्या आप भी आजकल थकान और तनाव महसूस कर रहे हैं? अगर हां, तो आप अकेले नहीं हैं। ICICI लोम्बार्ड ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें भारतीयों की बिगड़ती सेहत के बारे में चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। वर्ल्ड डायबिटीज डे के अवसर पर जारी इस रिपोर्ट के अनुसार, भारत में हर 100 में से 17 लोग मधुमेह से ग्रस्त हैं।


‘इंडिया वेलनेस इंडेक्स 2025’ के अनुसार, तनाव, जोड़ों का दर्द और उच्च रक्तचाप के बाद अब मधुमेह देश की पांच सबसे गंभीर बीमारियों में शामिल हो गया है। यह रिपोर्ट 19 प्रमुख शहरों में 2,000 लोगों पर आधारित है।


चिंताजनक बात यह है कि यह बीमारी अब केवल बुजुर्गों तक सीमित नहीं है। मिलेनियल्स और कॉरपोरेट कर्मचारियों में भी इसके मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। खराब खान-पान, शारीरिक निष्क्रियता और अत्यधिक तनाव इसके मुख्य कारण हैं। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि दिल की बीमारी या मधुमेह से ग्रस्त लोगों का वेलनेस स्कोर सामान्य लोगों (79) की तुलना में काफी कम (70) है।


Gen Z और कॉरपोरेट कर्मचारियों की स्वास्थ्य स्थिति

युवाओं की सेहत को लेकर अक्सर यह धारणा होती है कि वे स्वस्थ और ऊर्जावान होते हैं, लेकिन यह रिपोर्ट एक अलग तस्वीर पेश करती है। Gen Z की सेहत में भारी गिरावट आई है। रिपोर्ट के अनुसार, शारीरिक, मानसिक और सामाजिक स्वास्थ्य के सभी पहलुओं में यह पीढ़ी पिछड़ रही है, विशेषकर टियर-1 शहरों में रहने वाले युवा।


कॉरपोरेट क्षेत्र में स्थिति और भी गंभीर है। सर्वे में शामिल हर तीन में से एक व्यक्ति ने बताया कि वह रोज भारी तनाव का सामना कर रहा है, जबकि 41% लोग लगातार थकान महसूस करते हैं। दफ्तर में काम करने वाले कर्मचारियों की शारीरिक सेहत सामान्य जनता की तुलना में कहीं अधिक खराब है। वर्क-लाइफ बैलेंस की कमी और परिवार को समय न दे पाने का अपराधबोध लगभग दो-तिहाई कर्मचारियों को प्रभावित कर रहा है।


हालांकि, Gen X और महिलाओं ने अपनी सेहत और वर्कप्लेस बैलेंस में सुधार दिखाया है।


ICICI लोम्बार्ड की वित्तीय स्थिति

ICICI लोम्बार्ड कोई साधारण कंपनी नहीं है। इसके नेट एसेट्स लगभग ₹157.25 अरब हैं। नवंबर 2025 तक इसका मार्केट कैपिटलाइजेशन ₹99,939 करोड़ से अधिक हो चुका है।


कंपनी न केवल मुनाफा कमा रही है, बल्कि अपने निवेशकों को भी खुश रख रही है। सितंबर 2025 की तिमाही में इसका शुद्ध मुनाफा ₹820 करोड़ रहा। इसके अलावा, कंपनी का सॉल्वेंसी रेश्यो 2.70x है, जो दर्शाता है कि वह किसी भी वित्तीय संकट का सामना करने में सक्षम है।


विश्लेषकों का अनुमान है कि कंपनी का रिटर्न ऑन इक्विटी (ROE) लगभग 19% रहेगा और यह अपने मुनाफे का लगभग 25% हिस्सा लाभांश के रूप में शेयरधारकों को बांटती रहेगी।