IAS नंद किशोर की नई नियुक्ति: गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष बने

उत्तर प्रदेश सरकार ने IAS नंद किशोर कलाल को गाजियाबाद विकास प्राधिकरण का उपाध्यक्ष नियुक्त किया है। उनकी प्रशासनिक पृष्ठभूमि और कार्यकुशलता के चलते गाजियाबाद में विकास की नई संभावनाएं देखने को मिल सकती हैं। जानें उनके बारे में और कैसे वे शहर की समस्याओं का समाधान कर सकते हैं।
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IAS नंद किशोर की नई नियुक्ति: गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष बने

IAS नंद किशोर की पहचान

IAS नंद किशोर की नई नियुक्ति: गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष बने

IAS नंद किशोर की पहचान


उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार की रात को एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक बदलाव करते हुए 47 आईएएस अधिकारियों के तबादले किए हैं। इनमें कई जिलों के जिलाधिकारियों और विकास प्राधिकरणों के उपाध्यक्ष शामिल हैं। इस बदलाव के तहत गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) के उपाध्यक्ष अतुल वत्स को हाथरस का जिलाधिकारी नियुक्त किया गया है, और उनकी जगह आईएएस नंदकिशोर कलाल को गाजियाबाद का नया उपाध्यक्ष बनाया गया है।


जैसे ही आदेश जारी हुआ, नंदकिशोर कलाल तुरंत गाजियाबाद पहुंचे और पदभार ग्रहण किया। उनकी नियुक्ति के बाद जीडीए में नई कार्यसंस्कृति और विकास की गति को लेकर सकारात्मक उम्मीदें जगी हैं.


IAS नंदकिशोर कलाल का परिचय

राजस्थान से ताल्लुक रखने वाले नंदकिशोर कलाल 2018 बैच के उत्तर प्रदेश कैडर के अधिकारी हैं। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, उनकी ऑल इंडिया रैंक (AIR) 510 थी और उन्होंने राजस्थान यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज से बीडीएस की डिग्री प्राप्त की है। अपने प्रशासनिक करियर में, वे कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य कर चुके हैं।


गाजियाबाद में आने से पहले, वे रामपुर में मुख्य विकास अधिकारी के रूप में कार्यरत थे, जहां उनकी कार्यकुशलता और सख्त प्रशासनिक दृष्टिकोण की सराहना की गई। वे पारदर्शी कार्यशैली और त्वरित निर्णय लेने की क्षमता के लिए जाने जाते हैं।


गाजियाबाद में विकास की नई संभावनाएं

गाजियाबाद एक तेजी से विकसित हो रहा शहर है, जहां अवैध निर्माण, अधूरी योजनाएं, ट्रैफिक और शहरी अव्यवस्था जैसी समस्याएं बड़ी चुनौतियां हैं। ऐसे में नंदकिशोर कलाल जैसे ऊर्जावान अधिकारी की नियुक्ति को एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है।


उम्मीद की जा रही है कि उनकी सख्त कार्यशैली और परिणाम-उन्मुख दृष्टिकोण से गाजियाबाद विकास प्राधिकरण में पारदर्शिता, जवाबदेही और विकास परियोजनाओं की गति को नई दिशा मिलेगी।