HMP वायरस के मामलों में वृद्धि: स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी सलाह

देशभर में मानव मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के मामलों में वृद्धि हो रही है, लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय ने घबराने की आवश्यकता नहीं बताई है। पूर्व निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने इस वायरस के उपचार में एंटीबायोटिक्स की भूमिका को नकारा है। उन्होंने लोगों को पर्याप्त पानी पीने और पौष्टिक आहार लेने की सलाह दी है। बच्चों को बुखार या सर्दी होने पर घर पर रखने की सलाह दी गई है। जानें HMPV के मामलों की स्थिति और इससे बचने के उपाय।
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HMP वायरस के मामलों में वृद्धि: स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी सलाह

HMP वायरस के मामलों में बढ़ोतरी


नई दिल्ली में स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि देशभर में मानव मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के मामलों में वृद्धि हो रही है, लेकिन लोगों को घबराने की आवश्यकता नहीं है। पूर्व निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने मंगलवार को कहा कि इस वायरस के उपचार में एंटीबायोटिक्स का कोई उपयोग नहीं है।


HMPV का परिचय

डॉ. गुलेरिया ने बताया कि यह वायरस नया नहीं है और पहले से ही मौजूद है। यह आमतौर पर हल्का संक्रमण पैदा करता है, लेकिन शिशुओं, बच्चों, बुजुर्गों और पहले से बीमार व्यक्तियों में यह निमोनिया का कारण बन सकता है। ऐसे मामलों में सांस लेने में कठिनाई हो सकती है और अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता हो सकती है। उन्होंने कहा कि यह वायरस सामान्यतः अपने आप ठीक हो जाता है। बुखार होने पर दवा लें, पर्याप्त पानी पिएं और पौष्टिक आहार लें।


संक्रमण से बचाव के उपाय

डॉ. गुलेरिया ने सलाह दी कि संक्रमित होने पर भीड़-भाड़ वाली जगहों से दूर रहना चाहिए ताकि संक्रमण का फैलाव न हो। उन्होंने कहा कि वायरस का उपचार केवल लक्षणों को कम करने के लिए किया जाता है। बुखार और शरीर के दर्द को कम करने के लिए अच्छी मात्रा में पानी पिएं। खांसी और जुकाम के लक्षणों के लिए एंटी-एलर्जिक दवा ली जा सकती है।


बच्चों की देखभाल

डॉ. गुलेरिया ने कहा कि यदि बच्चे को बुखार, सर्दी या खांसी है, तो उन्हें कम से कम 5 से 7 दिनों तक घर पर रहना चाहिए ताकि वे स्कूल में दूसरों को संक्रमित न करें। नियमित हाथ धोने और मास्क पहनने की सलाह दी गई है, ताकि फ्लू जैसी श्वसन संबंधी बीमारियों से बचा जा सके।


HMPV के मामले

देशभर में HMPV के कुल सात मामले सामने आए हैं, जिनमें कर्नाटक और तमिलनाडु में दो-दो और गुजरात में एक मामला शामिल है। ये सभी मामले 3 महीने से 13 वर्ष तक के बच्चों के हैं।


स्थिति पर नजर

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने एक वीडियो संदेश में कहा कि HMPV कोई नया वायरस नहीं है, इसकी पहचान पहली बार 2001 में हुई थी। यह वायरस श्वसन के माध्यम से फैलता है और सर्दियों में अधिक सक्रिय होता है। उन्होंने कहा कि चिंता की कोई बात नहीं है और स्थिति पर बारीकी से नजर रखी जा रही है।