किसान नेताओं ने मोदी से पूछा, सरकार बातचीत के लिए क्यों नहीं है तैयार

चंडीगढ़, 13 फरवरी (आईएएनएस)। पंजाब किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंढेर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से यह स्पष्ट करने का आग्रह किया कि सरकार प्रदर्शनकारी किसानों के साथ चर्चा के लिए तैयार क्यों नहीं है। पंजाब किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंढेर ने मंगलवार को कहा कि ऐसा लगता है कि पंजाब और हरियाणा अब भारत का हिस्सा नहीं हैं।”
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किसान नेताओं ने मोदी से पूछा, सरकार बातचीत के लिए क्यों नहीं है तैयार

चंडीगढ़, 13 फरवरी (आईएएनएस)। पंजाब किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंढेर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से यह स्पष्ट करने का आग्रह किया कि सरकार प्रदर्शनकारी किसानों के साथ चर्चा के लिए तैयार क्यों नहीं है। पंजाब किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंढेर ने मंगलवार को कहा कि ऐसा लगता है कि पंजाब और हरियाणा अब भारत का हिस्सा नहीं हैं।”

उन्होंने मीडिया से कहा, "हम भारत के लोगों को बताना चाहते हैं कि हमने एक समाधान खोजने की कोशिश की, ताकि हमें सरकार के खिलाफ खड़ा न होना पड़े।"

किसानों के 'दिल्ली चलो' विरोध मार्च पर उन्होंने सोमवार को पांच घंटे तक चली बैठक में कहा, ''हमने हरियाणा की स्थिति सामने रखी।''

“वे पुलिस भेज रहे हैं और हरियाणा के प्रत्येक गांव में पानी की बौछारें कर रहे हैं। वे हरियाणा में किसानों पर अत्याचार कर रहे हैं। पंढेर ने राष्ट्रीय राजधानी की ओर बढ़ने से पहले पंजाब के फतेहगढ़ साहिब में कहा, ऐसा लगता है कि ये दोनों राज्य अब भारत का हिस्सा नहीं हैं, इन्हें अंतरराष्ट्रीय सीमा माना जा रहा है।

किसान संघों और केंद्र के बीच दूसरे दौर की बातचीत बेनतीजा रहने के बाद, संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से यह स्पष्ट करने का आग्रह किया कि उनकी सरकार 16 फरवरी को ग्रामीण भारत बंद का आह्वान के संदर्भ में किसानों और खेत मजदूरों के साथ चर्चा के लिए तैयार क्यों नहीं है।

चल रहे विरोध प्रदर्शन पर अपने कृषि संगठन के रुख को स्पष्ट करते हुए, एक अन्य किसान नेता दर्शन पाल ने कहा, “हमने दिल्ली चलो का आह्वान नहीं किया था। लेक‍िन, एसकेएम के अलावा अन्य संगठनों को विरोध करने का अधिकार है और यह केंद्र सरकार की ज़िम्मेदारी है कि वह दमन के बजाय ऐसे विरोध प्रदर्शनों के साथ लोकतांत्रिक तरीके से व्यवहार करें।

--आईएएनएस

सीबीटी/