आपराधिक छवि वाले नेता को माकपा में शामिल करने पर पार्टी में असंतोष

तिरुवनंतपुरम, 6 जुलाई (आईएएनएस)। लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की केरल इकाई ने कुछ कदम उठाने का निर्णय लिया है। इसी कड़ी में पूर्व भाजपा और आरएसएस कार्यकर्ता को पार्टी में शामिल करने का फैसला किया गया है, जिसके बाद पार्टी के अंदर ही असंतोष के स्वर उभरने लगे हैं।
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आपराधिक छवि वाले नेता को माकपा में शामिल करने पर पार्टी में असंतोष

तिरुवनंतपुरम, 6 जुलाई (आईएएनएस)। लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की केरल इकाई ने कुछ कदम उठाने का निर्णय लिया है। इसी कड़ी में पूर्व भाजपा और आरएसएस कार्यकर्ता को पार्टी में शामिल करने का फैसला किया गया है, जिसके बाद पार्टी के अंदर ही असंतोष के स्वर उभरने लगे हैं।

पूर्व भाजपा और आरएसएस कार्यकर्ता शैरन चंद्रन का पार्टी में राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज, पथनमथिट्टा जिला सचिव केपी उदयभानु और जिले के अन्य शीर्ष नेताओं ने स्वागत किया।

चंद्रन को पिछले महीने ही जेल से रिहा किया गया था और उनके खिलाफ अन्य आरोपों के अलावा केरल असामाजिक गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (केएपीपीए) का आरोप भी शामिल है।

चंद्रन के पार्टी में शामिल करने का बचाव करते हुए पथनमथिट्टा जिला सचिव केपी उदयभानु ने कहा कि केएपीपीए कोई ऐसा मामला नहीं है कि वह हमेशा रहे। एक अवधि के बाद इसे हटा दिया जाता है।

उन्होंने कहा, "वह संघ परिवार का सक्रिय कार्यकर्ता थे और उनका गलत इस्तेमाल किया गया। जब उन्हें लगा कि वो जो कर रहे हैं वह सही नहीं है, तो उन्हों खुद को सुधारने का फैसला किया और अब वह हमारी पार्टी में शामिल हो गए हैं।"

उदयभानु ने कहा, "जो कोई भी राजनीति में होता है, उसके खिलाफ कई केस होते हैं। सिर्फ इसी वजह से उसे अपराधी नहीं कहा जा सकता।"

शनिवार को चंद्रन माकपा में शामिल हो गए और पार्टी ने इसकी तस्वीरें पोस्ट की, जिनमें वीना जॉर्ज और अन्य नेता दिखाई दे रहे हैं।

चंद्रन के खिलाफ कई आपराधिक मामले हैं, जिसमें एक महिला पर हमला करना भी शामिल है। इसके अलावा पथनमथिट्टा के मलयोलापुझा में दर्ज केएपीपीए मामला भी है।

इस खबर के सामने आने के बाद माकपा कार्यकर्ताओं के एक वर्ग ने कड़ी आपत्ति जताई है। इससे पहले पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने कहा था कि कोई भी कार्यकर्ता किसी गलत काम में शामिल न हो, जिससे माकपा की छवि को नुकसान पहुंचे।

--आईएएनएस

एसकेपी/