हैदराबाद के डिप्टी मेयर ने सीएम रेवंत रेड्डी से की मुलाकात, छोड़ सकते हैं बीआरएस

हैदराबाद, 13 फरवरी (आईएएनएस)। ग्रेटर हैदराबाद की उप महापौर एम. श्रीलता शोभन रेड्डी ने अपने पति के साथ मंगलवार को मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी से मुलाकात की।
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हैदराबाद के डिप्टी मेयर ने सीएम रेवंत रेड्डी से की मुलाकात, छोड़ सकते हैं बीआरएस

हैदराबाद, 13 फरवरी (आईएएनएस)। ग्रेटर हैदराबाद की उप महापौर एम. श्रीलता शोभन रेड्डी ने अपने पति के साथ मंगलवार को मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी से मुलाकात की।

इस जोड़े के जल्द ही कांग्रेस पार्टी में शामिल होने की संभावना है। बताया जा रहा है कि डिप्टी मेयर उन्हें दरकिनार किए जाने से बीआरएस नेतृत्व से नाखुश हैं। वह हाल ही में पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष के.टी. रामाराव द्वारा बुलाई गई बीआरएस पार्षदों की बैठक में शामिल नहीं हुई थीं।

उनके पति शोभन रेड्डी सिकंदराबाद निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर आगामी लोकसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं।

श्रीलता तीन दिनों के दौरान मुख्यमंत्री से मुलाकात करने वाली हैदराबाद की दूसरी बीआरएस नेता हैं।

ग्रेटर हैदराबाद के पूर्व मेयर बोंथु राममोहन ने रविवार को रेवंत रेड्डी से मुलाकात की थी।

राममोहन के जल्द ही कांग्रेस पार्टी में शामिल होने की संभावना है। वह आगामी चुनाव में मल्काजगिरी लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट की उम्मीद कर रहे हैं।

राममोहन की रेवंत रेड्डी से मुलाकात बीआरएस पार्षद और पूर्व डिप्टी मेयर बाबा फसीहुद्दीन के कांग्रेस पार्टी में शामिल होने के कुछ दिनों बाद हुई।

राममोहन और फसीहुद्दीन 2016 से 2021 तक क्रमशः मेयर और डिप्टी मेयर थे।

उनके शामिल होने से ग्रेटर हैदराबाद में कांग्रेस पार्टी मजबूत होने की संभावना है। हाल के विधानसभा चुनावों में इस क्षेत्र में उसे कोई सीट नहीं मिली थी।

लोकसभा चुनाव कुछ हफ्ते दूर हैं, कुछ बीआरएस नेता टिकट पाने के लिए सत्तारूढ़ पार्टी में शामिल होने की योजना बना रहे हैं।

8 फरवरी को बीआरएस एमएलसी और पूर्व मंत्री पी. महेंद्र रेड्डी और उनकी पत्नी और विकाराबाद जिला परिषद की अध्यक्ष सुनीता ने रेवंत रेड्डी से मुलाकात की।

महेंद्र रेड्डी के कांग्रेस पार्टी में शामिल होने और चेवेल्ला निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा के लिए चुनाव लड़ने की संभावना है।

इससे पहले, लगभग छह बीआरएस विधायकों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी, इससे अटकलें तेज हो गई थीं कि वे कांग्रेस के प्रति वफादारी बदल सकते हैं।

--आईएएनएस

सीबीटी/