सरकारी गवाह बनने पर आरोपी से प्राप्त साक्ष्य का इस्तेमाल उसके खिलाफ नहीं किया जा सकता: हाईकोर्ट

नई दिल्ली, 10 मई (आईएएनएस)। दिल्ली उच्च न्यायालय ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी संजय कंसल को सीबीआई जांच में सरकारी गवाह बनने के बाद जमानत प्रदान कर दी।
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सरकारी गवाह बनने पर आरोपी से प्राप्त साक्ष्य का इस्तेमाल उसके खिलाफ नहीं किया जा सकता: हाईकोर्ट

नई दिल्ली, 10 मई (आईएएनएस)। दिल्ली उच्च न्यायालय ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी संजय कंसल को सीबीआई जांच में सरकारी गवाह बनने के बाद जमानत प्रदान कर दी।

न्यायमूर्ति अमित शर्मा ने अपने फैसलेे में कहा कि कंसल द्वारा अनुसूचित अपराध में सरकारी गवाह के रूप में प्रदान किए गए साक्ष्य का उपयोग धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत चल रही कार्यवाही में उनके खिलाफ नहीं किया जा सकता है।

यह निर्णय अनुसूचित अपराधों के लिए माफ़ी के बाद, सीबीआई मामले में गवाह के रूप में कंसल की स्थिति से उपजा है। इसलिए, उन कार्यवाहियों में उनका साक्ष्य पीएमएलए मामले में स्वीकार्य नहीं है।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कंसल पर अन्य सह-अभियुक्तों के साथ साजिश के तहत लगभग 50 करोड़ रुपये का मनी लांड्रिंग का आरोप लगाया था। इन आरोपों के बावजूद, कंसल की भूमिका संबंधित कंपनी मेसर्स एसबीबीईएल के भीतर प्रबंधकीय या प्रमुख निर्णय लेने की क्षमताओं तक विस्तारित नहीं हुई।

न्यायमूर्ति शर्मा ने बताया कि कंसल को इस बात की जानकारी नहीं थी कि इस स्तर पर उनके कार्यों में अपराध की आय शामिल है।

अदालत ने जांच में कंसल के सहयोग को स्वीकार किया और 25 अगस्त, 2022 को उनकी गिरफ्तारी के बाद से लगभग 20 महीने की कैद पर गौर किया।

--आईएएनएस

सीबीटी/