कलकत्ता हाई कोर्ट ने संदेशखाली हमले के मामले में संयुक्त एसआईटी के गठन पर रोक लगाई

कोलकाता, 7 फरवरी (आईएएनएस)। कलकत्ता उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में ईडी और सीएपीएफ अधिकारियों पर 5 जनवरी को हुए हमले की जांच के लिए सीबीआई और पश्चिम बंगाल पुलिस की संयुक्त विशेष जांच टीम (एसआईटी) के गठन के लिए उसी अदालत की एकल-न्यायाधीश पीठ के पहले के आदेश पर बुधवार को अंतरिम रोक लगा दी।
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कलकत्ता हाई कोर्ट ने संदेशखाली हमले के मामले में संयुक्त एसआईटी के गठन पर रोक लगाई

कोलकाता, 7 फरवरी (आईएएनएस)। कलकत्ता उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में ईडी और सीएपीएफ अधिकारियों पर 5 जनवरी को हुए हमले की जांच के लिए सीबीआई और पश्चिम बंगाल पुलिस की संयुक्त विशेष जांच टीम (एसआईटी) के गठन के लिए उसी अदालत की एकल-न्यायाधीश पीठ के पहले के आदेश पर बुधवार को अंतरिम रोक लगा दी।

न्यायमूर्ति सेनगुप्ता की एकल न्यायाधीश पीठ ने 17 जनवरी को संयुक्त एसआईटी के गठन का आदेश दिया। हालाँकि, ईडी ने बाद में मुख्य न्यायाधीश टी.एस. शिवगणनम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ के समक्ष एकल-न्यायाधीश पीठ के आदेश को चुनौती दी और साथ ही स्वतंत्र सीबीआई जांच की मांग की।

बुधवार को इसी खंडपीठ ने संयुक्त एसआईटी से जांच के आदेश दिये थे। खंडपीठ ने कहा कि इस संबंध में अंतिम आदेश ईडी और राज्य सरकार दोनों के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद ही पारित किया जाएगा।

मामले में अगली सुनवाई 6 मार्च को होनी है, तब तक संयुक्त एसआईटी की जांच पर रोक लगा दी गई है।

ईडी ने पिछले कई मौकों पर अन्य मामलों में राज्य पुलिस से केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों को भारी असहयोग का हवाला देते हुए जांच में राज्य पुलिस की भागीदारी का विरोध किया था।

ईडी के वकील ने बुधवार को अदालत में यह भी तर्क दिया कि राज्य पुलिस द्वारा मामले की जांच निष्पक्ष नहीं हो सकती, क्योंकि यह हमला करोड़ों रुपये के राशन वितरण मामलों पर ईडी की जांच के संबंध में हुआ था, जिसमें राज्य कैबिनेट के एक दिग्गज सदस्य पहले से ही सलाखों के पीछे है।

राज्य सरकार भी अपनी ओर से इस बात पर जोर दे रही थी कि जांच का प्रभार पूरी तरह से राज्य पुलिस को दिया जाए।

--आईएएनएस

एकेजे/