Henley Passport Index 2025: अमेरिका की रैंकिंग में गिरावट, भारत भी पीछे
हेनले पासपोर्ट इंडेक्स 2025 ने अमेरिका की रैंकिंग में गिरावट का खुलासा किया है, जो पहली बार 20 वर्षों में शीर्ष 10 से बाहर हुआ है। भारत की स्थिति भी खराब हुई है, अब वह 85वें स्थान पर है। इस सूची में सिंगापुर, दक्षिण कोरिया और जापान जैसे एशियाई देशों का दबदबा है। जानें पूरी कहानी और पासपोर्ट की ताकत के बारे में अधिक जानकारी।
Oct 15, 2025, 14:56 IST
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अमेरिकी पासपोर्ट की ताकत में कमी

अमेरिका का पासपोर्ट अब पहले जैसा ताकतवर नहीं
हेनले पासपोर्ट इंडेक्स 2025 की नई सूची ने यह दर्शाया है कि कौन सा देश कितना प्रभावशाली है। यह सूची पासपोर्ट की ताकत का एक प्रकार का ‘रिपोर्ट कार्ड’ है। जिन देशों के पासपोर्ट अधिक शक्तिशाली होते हैं, उनके नागरिक बिना वीजा के अधिक देशों में यात्रा कर सकते हैं।
इस वर्ष की सूची ने सभी को चौंका दिया है, क्योंकि अमेरिका, जो खुद को वैश्विक नेता मानता है, अब शीर्ष 10 में नहीं है। यह पहली बार है जब अमेरिका 20 वर्षों में इस सूची से बाहर हुआ है। भारत की स्थिति भी बेहतर नहीं है, हमारी रैंकिंग भी गिर गई है।
अमेरिका की स्थिति में गिरावट
एक समय था जब अमेरिकी पासपोर्ट का मतलब था कि दुनिया के अधिकांश दरवाजे आपके लिए खुले हैं। लेकिन अब यह सच नहीं रहा। हेनले पासपोर्ट इंडेक्स 2025 में अमेरिका की रैंकिंग 10वें स्थान से भी नीचे चली गई है। इसका मुख्य कारण यह है कि कई देश अब अमेरिका को पहले जैसी प्राथमिकता नहीं दे रहे हैं।
उदाहरण के लिए, ब्राजील ने स्पष्ट रूप से कहा है कि जब अमेरिका उनके नागरिकों के लिए वीजा अनिवार्य करता है, तो वे भी अमेरिका के नागरिकों के लिए वीजा लागू करेंगे। इसी तरह, चीन ने कई यूरोपीय देशों के लिए अपने दरवाजे खोले हैं, लेकिन अमेरिका को इसमें शामिल नहीं किया।
भारत की रैंकिंग में गिरावट
अब भारत की बात करें तो, इस नई सूची में भारतीय पासपोर्ट की रैंकिंग भी पांच स्थान नीचे गिर गई है। पिछले वर्ष हम 80वें स्थान पर थे, और अब 85वें स्थान पर आ गए हैं। इसका मतलब है कि भारतीय नागरिक अब केवल 57 देशों में बिना वीजा के यात्रा कर सकते हैं।
हालांकि कुछ समय पहले हमारी रैंकिंग में सुधार हुआ था, लेकिन अब फिर से गिरावट आई है। यह उन लोगों के लिए निराशाजनक हो सकता है जो विदेश यात्रा या काम करने का सपना देखते हैं।
सर्वश्रेष्ठ पासपोर्ट की सूची
जहां अमेरिका और इंग्लैंड जैसे पुराने शक्तिशाली देश गिर रहे हैं, वहीं एशिया के छोटे देशों का प्रभाव बढ़ रहा है। इस सूची में पहले स्थान पर सिंगापुर है, जिसके पासपोर्ट धारक 193 देशों में बिना किसी रोक-टोक के यात्रा कर सकते हैं।
दक्षिण कोरिया (190 देश) और जापान (189 देश) भी इस सूची में सिंगापुर के बाद हैं। इस प्रकार, एशिया के ये तीन देश अब सबसे शक्तिशाली पासपोर्ट के मालिक हैं।
2025 के सबसे ताकतवर पासपोर्ट्स की सूची
(वीज़ा-फ्री या वीज़ा ऑन अराइवल देशों की संख्या के आधार पर)
- सिंगापुर 193 देश
- दक्षिण कोरिया 190 देश
- जापान 189 देश
- जर्मनी, इटली, लक्ज़मबर्ग, स्पेन, स्विट्ज़रलैंड 188 देश
- ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, डेनमार्क, फिनलैंड, फ्रांस, आयरलैंड, नीदरलैंड 187 देश
- ग्रीस, हंगरी, न्यूज़ीलैंड, नॉर्वे, पुर्तगाल, स्वीडन 186 देश
- ऑस्ट्रेलिया, चेक गणराज्य, माल्टा, पोलैंड 185 देश
- क्रोएशिया, एस्टोनिया, स्लोवाकिया, स्लोवेनिया, संयुक्त अरब अमीरात (UAE), यूनाइटेड किंगडम (UK) 184 देश
- कनाडा 183 देश
- लातविया, लिकटेंस्टीन 182 देश
- आइसलैंड, लिथुआनिया 181 देश
- संयुक्त राज्य अमेरिका (USA), मलेशिया 180 देश