ED की बड़ी कार्रवाई: जय कॉर्प लिमिटेड पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जय कॉर्प लिमिटेड से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी की है, जो 2,434 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग और धोखाधड़ी के मामले से संबंधित है। जांच में आनंद जैन का नाम सामने आया है, जो Dream11 के को-फाउंडर के पिता हैं। ED विदेशी कंपनियों और शेल कंपनियों के माध्यम से धन के स्थानांतरण की जांच कर रहा है। जानें इस हाई-प्रोफाइल मामले की पूरी कहानी।
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प्रवर्तन निदेशालय की छापेमारी

ED की बड़ी कार्रवाई: जय कॉर्प लिमिटेड पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला


गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने देशभर में एक महत्वपूर्ण कार्रवाई करते हुए जय कॉर्प लिमिटेड से संबंधित स्थानों पर एक साथ छापे मारे। यह कार्रवाई 2,434 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग और धोखाधड़ी के मामले में की गई है। ED की टीमें रायपुर, मुंबई, नासिक, बेंगलुरु सहित 30 से अधिक स्थानों पर तलाशी ले रही हैं।


आनंद जैन से जुड़ा मामला

यह कार्रवाई जय कॉर्प लिमिटेड के निदेशक आनंद जयकुमार जैन से संबंधित मामले में की गई है। जांच एजेंसी दस्तावेजों, बैंक रिकॉर्ड और डिजिटल डेटा की गहन जांच कर रही है। ED को संदेह है कि रियल एस्टेट में निवेश के नाम पर जुटाई गई बड़ी राशि को विदेशी कंपनियों और ऑफशोर खातों में स्थानांतरित किया गया है।


विदेशी कंपनियों को पैसे भेजने का संदेह

सूत्रों के अनुसार, एजेंसी को कई संदिग्ध लेनदेन के सुराग मिले हैं जो शेल कंपनियों और विदेशी खातों से जुड़े हैं। ED अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि यह धन किन कंपनियों को भेजा गया और इसमें किन लोगों की भूमिका रही। इसके अलावा, यह भी जांचा जा रहा है कि क्या अन्य बड़े कारोबारी समूह भी इस मामले में शामिल हैं।


ड्रीम11 के को-फाउंडर का संबंध

यह मामला इसलिए भी चर्चा में है क्योंकि आनंद जयकुमार जैन, देश की प्रसिद्ध गेमिंग कंपनी Dream11 के को-फाउंडर हर्ष जैन के पिता हैं। हालांकि, जांच एजेंसियों ने अभी तक Dream11 या हर्ष जैन की भूमिका पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।


मामले की शुरुआत

इस मामले की शुरुआत CBI की FIR से हुई थी। CBI ने आनंद जैन, उनकी कंपनी जय कॉर्प लिमिटेड, कारोबारी पराग शांतिलाल पारेख और अन्य कंपनियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। यह FIR बॉम्बे हाईकोर्ट के निर्देश पर दर्ज की गई थी, जिसके बाद मामले की जांच तेज हुई। बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश पर CBI ने इस मामले में एक विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया। इससे पहले, मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) को दिसंबर 2021 और अप्रैल 2023 में इस मामले से संबंधित शिकायतें मिली थीं। वर्तमान में, ED और CBI दोनों एजेंसियां इस पूरे नेटवर्क की गहराई से जांच कर रही हैं।