DYFI ने असम में CAA लागू करने के प्रयासों की निंदा की

भारतीय लोकतांत्रिक युवा महासंघ (DYFI) ने असम में गैर-मुस्लिम विदेशियों के खिलाफ मामलों को वापस लेने के सरकार के निर्देश की निंदा की है। महासंघ ने इसे नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) को छिपे तरीके से लागू करने का प्रयास बताया है। DYFI ने चेतावनी दी है कि यह कदम असम के लोगों की लंबे समय से चली आ रही विरोध की अनदेखी करता है और राज्य की पहचान को खतरे में डालता है। संगठन ने सरकार से इस निर्देश को तुरंत वापस लेने की अपील की है।
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DYFI ने असम में CAA लागू करने के प्रयासों की निंदा की

DYFI की प्रतिक्रिया


गुवाहाटी, 10 अगस्त: भारतीय लोकतांत्रिक युवा महासंघ (DYFI), असम राज्य समिति ने सरकार के उस निर्देश की कड़ी निंदा की है जिसमें गैर-मुस्लिम विदेशियों के खिलाफ मामलों को वापस लेने का आदेश दिया गया है। महासंघ ने इसे असम में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) को छिपे तरीके से लागू करने का जानबूझकर किया गया कदम बताया है।


DYFI ने इस निर्देश को 'असम विरोधी और साम्प्रदायिक' करार दिया है, यह कहते हुए कि यह सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले का उल्लंघन करता है जिसमें 1971 को असम में नागरिकता निर्धारित करने के लिए कट-ऑफ वर्ष माना गया था।


DYFI असम राज्य समिति के अध्यक्ष रुस्टम अली और सचिव रितु रंजन दास ने कहा, 'भाजपा सरकार अब 31 दिसंबर 2014 तक असम में प्रवेश करने वाले सभी गैर-मुस्लिम व्यक्तियों को CAA के तहत नागरिकता देने के कदम उठा रही है। लंबित मामलों को वापस लेने का हालिया निर्देश इसी बड़े योजना का हिस्सा है।'


संस्थान ने चेतावनी दी कि यह कदम असम के लोगों की CAA के खिलाफ लंबे समय से चली आ रही विरोध की अनदेखी करता है। DYFI के नेताओं ने कहा, 'राज्य में CAA के खिलाफ व्यापक विरोध के बावजूद, सरकार अब इसे लागू करने के लिए छिपे तरीके अपना रही है।'


उन्होंने भाजपा सरकार पर आरएसएस के साम्प्रदायिक एजेंडे को लागू करने का आरोप लगाया और चेतावनी दी कि ऐसा कदम असम के लिए विनाशकारी साबित हो सकता है। 'यह एक खतरनाक प्रयास है जो राज्य की पहचान और सामाजिक सद्भाव को खतरे में डालता है।'


DYFI ने इस कदम को असंवैधानिक और असम के हितों के साथ विश्वासघात करार देते हुए सरकार से तुरंत इस निर्देश को वापस लेने और राज्य में CAA को लागू करने के किसी भी कदम से बचने की अपील की है।