भारत का प्रोजेक्ट कुश: हाइपरसोनिक एयर डिफेंस प्रणाली की नई ऊंचाइयाँ

भारत का प्रोजेक्ट कुश एक नई हाइपरसोनिक एयर डिफेंस प्रणाली विकसित कर रहा है, जो 350 किलोमीटर तक के हवाई खतरों को नष्ट करने में सक्षम है। यह प्रणाली मैक 5.5 की गति से दुश्मनों को निशाना बना सकती है और F-35 जैसे स्टील्थ जेट्स के हमलों को नाकाम कर सकती है। जानें इस प्रणाली की विशेषताओं और क्षमताओं के बारे में।
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भारत का प्रोजेक्ट कुश: हाइपरसोनिक एयर डिफेंस प्रणाली की नई ऊंचाइयाँ

युद्ध की नई परिभाषा

21वीं सदी में युद्ध की प्रकृति में काफी बदलाव आया है। पहले, थलसेना को किसी देश की सुरक्षा का मुख्य आधार माना जाता था, लेकिन अब हवाई लड़ाई का महत्व बढ़ गया है। आजकल, एयरफोर्स ने जमीनी बलों की जगह ले ली है। फाइटर जेट, ड्रोन और मिसाइलों की भूमिका अब अत्यधिक महत्वपूर्ण हो गई है। इसके साथ ही, नौसेना का भी योगदान बढ़ा है, जिससे हवाई खतरों का स्तर काफी ऊँचा हो गया है। ऐसे में, हवाई हमलों से निपटने के लिए एयर डिफेंस सिस्टम की मांग में वृद्धि हुई है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गोल्डन डोम एयर डिफेंस प्रणाली के विकास को मंजूरी दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर 15 अगस्त 2025 को 'सुदर्शन चक्र मिशन' लॉन्च करने की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य देश की हवाई सुरक्षा को मजबूत करना है।


प्रोजेक्ट कुश: एक नई पहल

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) प्रोजेक्ट कुश पर कार्य कर रहा है, जो एक हाइपरसोनिक एयर-डिफेंस कवच विकसित कर रहा है। यह प्रणाली 350 किलोमीटर तक के खतरों को नष्ट करने में सक्षम है। यह एक सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली है, जो मैक 5.5 (लगभग 6800 किलोमीटर प्रति घंटे) की गति से दुश्मनों को निशाना बना सकती है। DRDO के अनुसार, यह प्रणाली देश की बहुस्तरीय वायु रक्षा संरचना को मजबूत करेगी और इसे रूस की S-500 जैसी अत्याधुनिक प्रणालियों के समकक्ष माना जा रहा है।


प्रोजेक्ट कुश के वेरिएंट

प्रोजेक्ट कुश के तहत इंटरसेप्टर के 3 वेरिएंट – M1, M2 और M3
वेरिएंट रेंज
M1 150 KM
M2 250 KM
M3 (मुख्य इंटरसेप्टर) 350-400 KM


स्टील्थ थ्रेट्स से निपटने की क्षमता

प्रोजेक्ट कुश के तहत विकसित प्रणाली 4 किमी प्रति सेकंड की गति से आने वाली बैलिस्टिक मिसाइलों को भी नष्ट कर सकती है। DRDO के अनुसार, कुश को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह 2,500–3,000 किलोमीटर रेंज वाली बैलिस्टिक मिसाइलों को उनके पुनः प्रवेश के चरण में 4 km/s की गति पर इंटरसेप्ट कर सके। यह प्रणाली 30 किलोमीटर की ऊँचाई तक प्रभावी है। कुश एयर डिफेंस सिस्टम स्टील्थ थ्रेट्स को भी नष्ट कर सकता है, जिससे F-35 और Su-57 जैसे आधुनिक फाइटर जेट्स के हमलों को नाकाम किया जा सकेगा।


हिट-टू-किल तकनीक

कुशा प्रणाली बैलिस्टिक मिसाइल इंटरसेप्शन के दौरान एक विशेष किल व्हीकल का उपयोग करती है, जिसमें RF और IR सीकर लगे होते हैं। यह प्रणाली हर मौसम में लक्ष्य को पकड़ने में सक्षम है और इसमें विस्फोटक वारहेड की आवश्यकता नहीं होती। यह सीधे लक्ष्य से टकराकर उसे नष्ट करती है, जिससे सफलता की दर 80-90% तक रहती है। कुश न केवल बैलिस्टिक मिसाइलों को रोकने में सक्षम है, बल्कि यह फाइटर जेट्स, सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों और हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल्स को भी नाकाम कर सकता है।