ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान की सोच को बदल दिया: CDS जनरल अनिल चौहान

CDS जनरल अनिल चौहान का महत्वपूर्ण भाषण

जरनल अनिल चौहान
ग्वालियर में आयोजित सिंधिया स्कूल के 128वें स्थापना दिवस समारोह में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने भाग लिया। छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मई में पाकिस्तान के खिलाफ किए गए 'ऑपरेशन सिंदूर' ने युद्ध की रणनीति में एक नया दृष्टिकोण पेश किया। उन्होंने यह भी बताया कि युद्ध केवल सशस्त्र बलों द्वारा नहीं लड़ा जाता, बल्कि यह पूरे देश की जिम्मेदारी होती है।
CDS ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद देश में एक नया सामान्य स्थिति उभरी है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि बातचीत और आतंकवाद एक साथ नहीं चल सकते। खेल के संदर्भ में, उन्होंने कहा कि भारत ने अपने प्रतिद्वंद्वी को क्रिकेट के मैदान में भी हराया है।
उन्होंने कहा, “हम परमाणु हमले की धमकी को भी बर्दाश्त नहीं करेंगे। पाकिस्तान ने सोचा कि वह अपनी परमाणु शक्ति के बल पर कुछ भी कर सकता है, लेकिन ऑपरेशन सिंदूर ने यह साबित कर दिया कि वह गलत था।”
युद्ध में संपूर्ण देश की भागीदारी
जनरल चौहान ने अपने भाषण में कहा कि कोई भी युद्ध केवल सेना द्वारा नहीं लड़ा जाता, बल्कि इसमें नेता, राजनयिक और नागरिक सभी की भूमिका होती है। उन्होंने यह भी कहा कि सशस्त्र बलों का कर्तव्य देश को सुरक्षित रखना है, जबकि राष्ट्र निर्माण हर नागरिक की जिम्मेदारी है।
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और विदेश सचिव विक्रम मिसरी भी उपस्थित थे, जिन्हें माधव पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
प्रधानमंत्री का 2047 का लक्ष्य
जनरल चौहान ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में देश और भी मजबूत और सुरक्षित बनेगा। उन्होंने यह भी कहा कि हमें गुलामी की मानसिकता से मुक्त होना चाहिए।
सशस्त्र बलों की चौकसी
CDS ने बताया कि सशस्त्र बल 24 घंटे, साल के 365 दिन काम करते हैं। उन्होंने कहा कि अब युद्ध नई तकनीकों जैसे वायु रक्षा, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध और ड्रोन के माध्यम से लड़े जाते हैं। यह अमृत काल है और युवाओं को 2047 तक विकसित भारत के निर्माण में योगदान देना चाहिए।
उन्होंने कहा, “हमारे देश ने दुनिया को दशमलव और शून्य की अवधारणाएं दीं। भारतीय दिमाग हमेशा से ही तर्क और रचनात्मकता में मजबूत रहा है।”