भारत की नौसेना के लिए नई पनडुब्बियों का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट 75(I)

भारत अपनी सैन्य क्षमताओं को बढ़ाने के लिए प्रोजेक्ट 75(I) के तहत नई पनडुब्बियों का निर्माण कर रहा है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत जर्मनी की ThyssenKrupp Marine Systems के साथ 6 नई पीढ़ी की पनडुब्बियों का सौदा किया जाएगा। यह पनडुब्बियाँ एडवांस स्टेल्थ तकनीक और लंबी दूरी की मारक क्षमता से लैस होंगी, जिससे हिंद महासागर में भारत की नौसेना की ताकत में वृद्धि होगी। जानें इस परियोजना की विशेषताएँ और भविष्य की संभावनाएँ।
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भारतीय नौसेना की ताकत में इजाफा

भारत अपनी सैन्य क्षमताओं को लगातार बढ़ा रहा है। देश की तीनों सेनाओं को और अधिक सशक्त बनाने के प्रयास जारी हैं। इसी दिशा में, भारतीय नौसेना की शक्ति को बढ़ाने के लिए प्रोजेक्ट 75(I) के तहत सबसे बड़ी पनडुब्बी परियोजना का मेगा कॉन्ट्रैक्ट मार्च 2026 से पहले साइन होने की संभावना है.


महत्वपूर्ण जानकारी

मज़गांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL) के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर कैप्टन जगमोहन ने तिमाही अर्निंग कॉल में बताया कि इस परियोजना का मेगा कॉन्ट्रैक्ट जल्द ही साइन किया जा सकता है.


डील की लागत

सूत्रों के अनुसार, भारत जर्मनी की ThyssenKrupp Marine Systems (TKMS) के साथ 6 नई पीढ़ी की पनडुब्बियों के लिए लगभग 70,000 से 80,000 करोड़ रुपए का सौदा करने जा रहा है.


प्रोजेक्ट 75(I) का परिचय

प्रोजेक्ट 75(I) भारतीय नौसेना की सबसे महत्वाकांक्षी पनडुब्बी परियोजना है, जिसके तहत एडवांस, स्टेल्थ और लंबी दूरी तक काम करने वाली पनडुब्बियां विकसित की जाएंगी। यह मौजूदा स्कॉर्पीन क्लास से एक कदम आगे की तकनीक होगी.


प्रोजेक्ट 75(I) की विशेषताएँ

1. AIP टेक्नोलॉजी (Air Independent Propulsion)
पनडुब्बी बिना सतह पर आए कई दिनों तक पानी के अंदर चल सकती है, जिससे दुश्मन के रडार से बचने की क्षमता बढ़ती है.


2. एडवांस्ड स्टेल्थ डिज़ाइन
इसका आवाज़ और गर्मी का सिग्नेचर बेहद कम होता है, जिससे दुश्मन की पनडुब्बियों और युद्धपोतों के लिए पकड़ पाना मुश्किल हो जाता है.


3. लंबी दूरी की मारक क्षमता
यह एंटी-शिप और लैंड-अटैक मिसाइलों से लैस होगी, जो हिंद महासागर और इंडो-पैसिफिक में दूर तक ऑपरेशन करने में सक्षम होगी.


4. उच्च स्वायत्तता और ऑटोमेशन
यह अधिक सुरक्षित और कम क्रू के साथ बेहतर संचालन प्रदान करेगी, जिसमें उन्नत सेंसर, सोनार और फायर कंट्रोल सिस्टम शामिल हैं.


5. 45% स्वदेशी सामग्री
इस परियोजना के तहत भारत में बड़े पैमाने पर निर्माण किया जाएगा, जिससे घरेलू उद्योग को बड़ा बढ़ावा मिलेगा.


6. Type 212/214 डिज़ाइन पर आधारित
यह जर्मनी की सबसे शांत और भरोसेमंद पनडुब्बी क्लास पर आधारित होगी, जो AIP और स्टेल्थ तकनीक में वैश्विक मानक स्थापित करती है.


भविष्य की संभावनाएँ

P-75(I) का डिज़ाइन चरण पूरा हो चुका है और आगे की बातचीत तेजी से चल रही है। यदि सब कुछ सही रहा, तो भारत को जल्द ही ऐसी पनडुब्बियों का बेड़ा प्राप्त होगा, जिससे हिंद महासागर में नौसेना की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी और भारत की स्थिति और भी मजबूत होगी.