DA बकाया भुगतान पर संसद में उठे सवाल, सरकार ने दिया स्पष्ट जवाब

संसद में DA बकाया भुगतान को लेकर सांसद आनंद ने सवाल उठाया, जिसमें सरकार ने स्पष्ट किया कि 18 महीने का बकाया भुगतान नहीं किया जाएगा। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि यह निर्णय कोरोना महामारी के वित्तीय प्रभावों के कारण लिया गया। कर्मचारी संगठनों ने सरकार से बकाया भुगतान की मांग की है, लेकिन केंद्रीय बजट में कोई राहत नहीं मिली। अब कर्मचारी नए वेतन आयोग की सिफारिशों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
 | 
DA बकाया भुगतान पर संसद में उठे सवाल, सरकार ने दिया स्पष्ट जवाब

DA बकाया भुगतान का मुद्दा


DA बकाया समाचार: लोकसभा सांसद आनंद ने 3 फरवरी को संसद में यह प्रश्न उठाया कि कोविड-19 के दौरान रोके गए DA और DR (Dearness Relief) के 18 महीने के बकाया भुगतान को कब जारी किया जाएगा। उन्होंने सरकार से स्पष्ट उत्तर की मांग की।


DA बकाया क्यों रोका गया?

कोरोना महामारी के दौरान केंद्र सरकार ने वित्तीय दबाव के कारण 34,402 करोड़ रुपये के DA और DR भुगतान को रोक दिया था। यह रोक 1 जनवरी 2020 से 30 जून 2021 तक लागू रही। सरकार ने इसे आर्थिक स्थिरता बनाए रखने के लिए आवश्यक बताया था।


सरकार का स्पष्टीकरण

वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने संसद में स्पष्ट किया कि 18 महीने के DA बकाया का भुगतान नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न वित्तीय प्रभाव और सरकार के कल्याणकारी खर्चों को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया।


कर्मचारी संगठनों की प्रतिक्रिया


  • एनसीजेसीएम (NCJCM) और अन्य कर्मचारी संघों ने सरकार से बकाया भुगतान की मांग की है।


  • कर्मचारियों ने वित्त मंत्रालय को ज्ञापन सौंपकर DA बकाया को किस्तों में जारी करने का सुझाव दिया है।


  • कर्मचारी संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट के उस निर्णय का उल्लेख किया, जिसमें बकाया राशि पर ब्याज सहित भुगतान का निर्देश दिया गया था।



बजट में कोई राहत नहीं

सरकारी कर्मचारियों को उम्मीद थी कि केंद्रीय बजट 2025 में DA बकाया पर कोई घोषणा होगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।


आगे की स्थिति

सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स की मांगों के बावजूद, सरकार का रुख स्पष्ट है कि 18 महीने का बकाया DA जारी नहीं किया जाएगा। कर्मचारी संगठन अब नए वेतन आयोग (8th Pay Commission) की सिफारिशों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जिससे भविष्य में वेतन संरचना में सुधार हो सकता है।


सरकार के इस निर्णय से लाखों सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स में निराशा है। अब सभी की नजरें आगामी नीतिगत फैसलों और संभावित भत्तों की वृद्धि पर टिकी हैं।