दुनिया के सबसे बड़े ठग: बुद्धिमत्ता का गलत उपयोग

इस लेख में हम उन ठगों के बारे में चर्चा करेंगे जिन्होंने अपनी बुद्धिमत्ता का गलत उपयोग कर समाज को ठगा। चार्ल्स शोभराज, नटवरलाल, और जॉर्ज सी पार्कर जैसे ठगों की कहानियाँ आपको चौंका देंगी। जानें कैसे इन लोगों ने अपनी चालाकियों से करोड़ों रुपये हड़पे और अपनी पहचान बनाई।
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दुनिया के सबसे बड़े ठग: बुद्धिमत्ता का गलत उपयोग

बुद्धिमत्ता का सही दिशा में उपयोग

दुनिया के सबसे बड़े ठग: बुद्धिमत्ता का गलत उपयोग


किसी व्यक्ति की बुद्धिमत्ता ही समाज और देश के लिए लाभदायक नहीं होती; इसके लिए आवश्यक है कि यह बुद्धि सही दिशा में कार्य करे। जब बुद्धि सकारात्मक दिशा में होती है, तो रचनात्मकता और अच्छे कार्य होते हैं। लेकिन जब यह गलत दिशा में जाती है, तो यह विध्वंसक कार्यों का कारण बनती है।


आज हम कुछ ऐसे व्यक्तियों के बारे में चर्चा करेंगे, जो अत्यंत बुद्धिमान थे, लेकिन उनकी बुद्धि ने उन्हें दुनिया के सबसे बड़े ठगों में शामिल कर दिया। इन ठगों ने अपनी चालाकियों से लोगों को ठगा और करोड़ों रुपये हड़पे। ये लोग दूसरों को मूर्ख बनाने में माहिर थे। हम यहां पांच ऐसे ठगों और उनकी करतूतों का उल्लेख करेंगे, जिनमें से कुछ भारतीय भी हैं।


चार्ल्स शोभराज

चार्ल्स शोभराज


फिल्म ‘मैं और चार्ल्स’ में रणदीप हुड्डा ने चार्ल्स शोभराज के जीवन पर आधारित एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। शोभराज का जन्म वियतनाम में हुआ और वह अपराध की दुनिया में एक किंवदंती बन गया। उसके खिलाफ भारत, थाईलैंड, नेपाल, तुर्की और ईरान में हत्या के 20 से अधिक मामले दर्ज हैं।


उसे सीरियल किलर के रूप में जाना जाता है, लेकिन अगस्त 2004 से पहले उसे किसी भी मामले में दोषी नहीं ठहराया गया। शोभराज को 'द सर्पेंट' और 'बिकनी किलर' के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि वह भेष बदलने में माहिर था और युवा महिलाओं को निशाना बनाता था।


नटवरलाल

नटवरलाल


दुनिया के सबसे बड़े ठग: बुद्धिमत्ता का गलत उपयोग


नटवरलाल, जिनका असली नाम मिथिलेश कुमार श्रीवास्तव था, भारत का सबसे बड़ा ठग माना जाता है। उसने दिल्ली के लाल किले, संसद भवन और ताजमहल जैसे प्रतिष्ठित स्थानों को बेचकर करोड़ों रुपये ठगे। उसे पुलिस ने आठ बार गिरफ्तार किया, लेकिन हर बार वह भागने में सफल रहा।


नटवरलाल पर कई हिंदी फिल्मों का निर्माण किया गया है, और उसने राष्ट्रपति भवन को भी फर्जी हस्ताक्षर के जरिए बेचा।


ठग बहराम

ठग बहराम


ठग बहराम ठगी और हत्या के लिए कुख्यात था। माना जाता है कि उसने अकेले 900 से अधिक लोगों की हत्या की। 1765 में जन्मे इस अपराधी को 1840 में फांसी की सजा दी गई। वह अपने पीले रुमाल के लिए जाना जाता था और उसके गिरोह में लगभग 200 सदस्य थे।


जॉर्ज सी पार्कर

जॉर्ज सी पार्कर


यह एक ऐसा ठग था जिसने अपनी चालाकियों से अमेरिका की प्रसिद्ध इमारतों को बेच दिया। उसने न्यूयॉर्क के मेडिसन स्क्वायर गार्डन, मेट्रोपॉलिटन आर्ट म्यूजियम और स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी तक को बेचने का दावा किया। उसका सबसे प्रसिद्ध सौदा ब्रुकलिन ब्रिज को बेचने का था।


विक्टर लस्टिग

विक्टर लस्टिग


1890 में चेकोस्लोवाकिया में जन्मे विक्टर लस्टिग एक शातिर ठग था। उसने फ्रांस के एफिल टॉवर को बेचने का दावा किया। 1925 में, उसने सरकारी अधिकारी बनकर कबाड़ व्यवसायियों से संपर्क किया और एक कारोबारी को एफिल टॉवर बेच दिया।