किश्तवाड़ में बादल फटने के 4 दिन बाद भी राहत और बचाव कार्य जारी

किश्तवाड़, 17 अगस्त (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के चुशोती गांव में 14 अगस्त को बादल फटने की घटना ने इलाके में भारी तबाही मचा दी। इस प्राकृतिक आपदा में जान-माल का बड़ा नुकसान हुआ है। ग्रामीण इलाकों में हर तरफ बर्बादी का मंजर है।
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किश्तवाड़ में बादल फटने के 4 दिन बाद भी राहत और बचाव कार्य जारी

किश्तवाड़, 17 अगस्त (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के चुशोती गांव में 14 अगस्त को बादल फटने की घटना ने इलाके में भारी तबाही मचा दी। इस प्राकृतिक आपदा में जान-माल का बड़ा नुकसान हुआ है। ग्रामीण इलाकों में हर तरफ बर्बादी का मंजर है।

भाजपा नेता रविंद्र रैना ने घटनास्थल का दौरा करने के बाद आईएएनएस के साथ बातचीत में कहा, "इस गांव में कुदरत का कहर टूटा है। चारों तरफ तबाही है। बड़ी संख्या में लोग और उनके घर मलबे में दब गए हैं।" उन्होंने बताया कि अब तक करीब 70 शव मलबे से निकाले जा चुके हैं, जबकि आशंका है कि 200 से अधिक लोग अब भी दबे हो सकते हैं।

रैना ने कहा, "रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी है। भारतीय सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस, सीआरपीएफ, बीआरओ, सीआईएसएफ और स्वास्थ्य विभाग की टीमें मिलकर काम कर रही हैं। सभी अधिकारी, जवान और स्थानीय लोग राहत कार्यों में लगे हुए हैं।"

वहीं, विपक्ष के नेता सुनील शर्मा ने कहा, "रविवार सुबह दो और शव मिले हैं, जिससे मरने वालों की संख्या बढ़कर 62 हो गई है।"

उन्होंने बताया कि अब तक 88 लोगों के लापता होने की रिपोर्ट मिली है और यह संख्या लगातार बढ़ रही है। उन्होंने कहा, "रेस्क्यू ऑपरेशन में वक्त लगेगा, यह काम रातों-रात पूरा नहीं हो सकता। राहत कार्य चुनौतीपूर्ण है, लेकिन हर संभव प्रयास हो रहा है।"

सीआईएसएफ के डीआईजी एमके यादव ने कहा, "जिला प्रशासन के पास सभी लोगों की रिकवरी से जुड़ी जानकारी है। मौसम अब ठीक है, इसलिए राहत कार्य में तेजी लाई गई है। स्पेस ज्यादा होने की वजह से ज्यादा जेसीबी मशीनें लगाई गई हैं।"

उन्होंने बताया, "खोज के दौरान अलग-अलग स्थानों से तीन शव बरामद किए गए। कोशिश की जा रही है कि जल्द से जल्द फंसे हुए लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जाए।"

प्रशासन की ओर से लोगों को हर संभव मदद दी जा रही है। स्थानीय अधिकारी, डॉक्टरों की टीम और राहत सामग्री पहुंचाने वाले कर्मी लगातार काम कर रहे हैं। मलबा हटाने और शवों को निकालने के लिए भारी मशीनों का उपयोग किया जा रहा है।

--आईएएनएस

वीकेयू/एबीएम