जम्मू-कश्मीर में सभी प्रमुख मार्ग बंद, लोगों से अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील

श्रीनगर, 26 अगस्त (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर में लगातार हो रही भारी बारिश और जगह-जगह भूस्खलन व पत्थर गिरने की घटनाओं के कारण कई राष्ट्रीय राजमार्गों और अन्य प्रमुख सड़कों को बंद कर दिया गया है। ट्रैफिक पुलिस मुख्यालय, जम्मू/श्रीनगर की ओर से 27 अगस्त के लिए एक महत्वपूर्ण ट्रैफिक एडवाइजरी जारी की गई है।
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जम्मू-कश्मीर में सभी प्रमुख मार्ग बंद, लोगों से अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील

श्रीनगर, 26 अगस्त (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर में लगातार हो रही भारी बारिश और जगह-जगह भूस्खलन व पत्थर गिरने की घटनाओं के कारण कई राष्ट्रीय राजमार्गों और अन्य प्रमुख सड़कों को बंद कर दिया गया है। ट्रैफिक पुलिस मुख्यालय, जम्मू/श्रीनगर की ओर से 27 अगस्त के लिए एक महत्वपूर्ण ट्रैफिक एडवाइजरी जारी की गई है।

जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-44) पर भूस्खलन और भारी बारिश के चलते यातायात पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। इस मार्ग पर जगह-जगह से फिसलते पत्थरों और खराब मौसम के कारण स्थिति बेहद खतरनाक बनी हुई है।

जम्मू-पठानकोट एनएचडब्ल्यू को लेकर बुधवार को सड़क की स्थिति का मूल्यांकन करने के बाद ही आगे का फैसला लिया जाएगा। लोगों से अपील की गई है कि मौसम ठीक होने और रास्ता पूरी तरह साफ होने तक यात्रा से बचें।

किश्तवाड़-सिंथन-अनंतनाग राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-244) भी वर्तमान में बंद है। यात्रियों को सलाह दी गई है कि इस मार्ग पर यात्रा न करें।

श्रीनगर-सोनमर्ग-गुमरी मार्ग पर बाजरी नाले के पास भारी भूस्खलन हुआ है, जिसके कारण यह मार्ग भी वाहनों के लिए बंद कर दिया गया है।

मुगल रोड भी भूस्खलन और फिसलते पत्थरों के कारण बंद कर दिया गया है।

लोगों से अपील की गई है कि वे प्रशासन द्वारा जारी किए गए मार्गदर्शन का पालन करें और अपनी सुरक्षा को प्राथमिकता दें।

केन्द्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने माता वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर हुए भूस्खलन में श्रद्धालुओं की मृत्यु पर दुख जताया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "माता वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर भूस्खलन से हुई जनहानि की खबर सुनकर अत्यंत दुखी हूं। शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी संवेदना और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं। ओम शांति।"

अर्धकुंवारी में भूस्खलन के एक प्रत्यक्षदर्शी ने आईएएनएस से कहा, "मैं पीछे खड़ा था जबकि कई लोग मेरे आगे थे, तभी अचानक पहाड़ टूट गया और वे दब गए। मंजर इतना भयावह था कि सोचने मात्र से रूह कांप जाए। सोचकर मुझे अभी भी डर लग रहा है। मुझे घबराहट हो रही है।"

--आईएएनएस

वीकेयू/एबीएम