जापान के माउंट शिनमोएडेके ज्वालामुखी में विस्फोट, दूर से दिखा राख का गुबार

टोक्यो, 10 अगस्त (आईएएनएस)। जापान के किरिशिमा पर्वत श्रृंखला में स्थित शिनमोएडके ज्वालामुखी में रविवार सुबह करीब 5:23 बजे (स्थानीय समयानुसार) एक शक्तिशाली विस्फोट हुआ। इस विस्फोट से 3 हजार मीटर से अधिक ऊंचाई तक राख का गुबार उठा। स्थानीय मीडिया ने यह जानकारी दी।
कागोशिमा और मियाजाकी प्रांतों की सीमा पर स्थित यह ज्वालामुखी 27 जून से रुक-रुक कर फट रहा है। जापान के प्रसारक एनएचके की रिपोर्ट के अनुसार, रविवार को हुए विस्फोट से निकली राख उत्तर-पूर्व की ओर बह रही है और यह मियाजाकी प्रांत के तकानाबे तक पहुंच सकती है।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, जापान मौसम विज्ञान एजेंसी (जेएमए) ने चेतावनी दी है कि मियाजाकी प्रांत के कोबायाशी और ताकाहारू तथा कागोशिमा प्रांत के किरिशिमा में मध्यम स्तर की राख गिरने की संभावना है।
जेएमए के अनुसार, छोटी ज्वालामुखी चट्टानें क्रेटर के उत्तर-पूर्व में लगभग 14 किलोमीटर की दूरी तक गिर सकती हैं।
एजेंसी ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। ज्वालामुखी के क्रेटर से 3 किलोमीटर के दायरे में बड़े ज्वालामुखी चट्टानों और 2 किलोमीटर के दायरे में गर्म राख के प्रवाह (पायरोक्लास्टिक फ्लो) से सावधान रहने को कहा गया है।
22 जून को यह ज्वालामुखी 2018 के बाद पहली बार फटा। जापान मौसम विज्ञान एजेंसी (जेएमए) के अनुसार, यह विस्फोट स्थानीय समयानुसार शाम 4:37 बजे हुआ। इसके बाद राख का गुबार 500 मीटर से अधिक ऊंचाई तक पहुंच गया।
जापान की राष्ट्रीय प्रसारण एजेंसी की रिपोर्टों के अनुसार, धुआं मियाजाकी प्रान्त की ओर पूर्व दिशा में बह गया था, और उस समय जापान की राष्ट्रीय प्रसारण एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, कोई ज्वालामुखी चट्टानें गिरने की पुष्टि नहीं हुई थी।
ज्वालामुखी चेतावनी स्तर 2, जो क्रेटर के पास प्रवेश को प्रतिबंधित करता था, उस क्षेत्र में कुछ समय तक लागू रहा। अधिकारियों ने क्रेटर के 2 किलोमीटर के दायरे में सावधानी बरतने की सलाह दी, क्योंकि लगभग 1 किलोमीटर के दायरे में बड़े ज्वालामुखी चट्टानों और पायरोक्लास्टिक प्रवाह का खतरा था।
निवासियों को सतर्क रहने को कहा गया है, विशेष रूप से हवा की विपरीत दिशा में, जहां राख और छोटे पत्थर लंबी दूरी तक विस्फोट के साथ जा सकते हैं।
देश की मौसम एजेंसी ने बताया कि पिछले वर्ष, दक्षिण-पश्चिमी जापान के कागोशिमा प्रान्त में सकुराजिमा नामक ज्वालामुखी में विस्फोट हुआ था, जिसके कारण शिखर से 3,400 मीटर ऊपर तक धुआं उठ रहा था।
--आईएएनएस
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