ग्रेटर नोएडा : सोसायटी में लिफ्ट में फंसी मेड को बेहोशी की हालत में निकाला गया बाहर, निवासी शिकायत लेकर पहुंचे थाने

ग्रेटर नोएडा, 16 अगस्त (आईएएनएस)। ग्रेटर नोएडा वेस्ट के एआईएमएस ग्रीन एवेन्यू सोसायटी में देर रात उस समय अफरा-तफरी मच गई जब एक घरेलू सहायिका (मेड) करीब एक घंटे तक लिफ्ट में फंसी रही। यह घटना सोसायटी के डी टावर के 13वें फ्लोर पर हुई।
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ग्रेटर नोएडा : सोसायटी में लिफ्ट में फंसी मेड को बेहोशी की हालत में निकाला गया बाहर, निवासी शिकायत लेकर पहुंचे थाने

ग्रेटर नोएडा, 16 अगस्त (आईएएनएस)। ग्रेटर नोएडा वेस्ट के एआईएमएस ग्रीन एवेन्यू सोसायटी में देर रात उस समय अफरा-तफरी मच गई जब एक घरेलू सहायिका (मेड) करीब एक घंटे तक लिफ्ट में फंसी रही। यह घटना सोसायटी के डी टावर के 13वें फ्लोर पर हुई।

रेजिडेंट्स के मुताबिक, लंबे समय तक लिफ्ट के भीतर फंसी रहने के कारण महिला की हालत बिगड़ गई और जब उसे बाहर निकाला गया तो वह बेहोशी की हालत में थी। रेजिडेंट्स का आरोप है कि सोसायटी में लिफ्ट खराब होने की शिकायत पहले भी कई बार दी जा चुकी है, लेकिन बिल्डर और मेंटेनेंस टीम की लापरवाही के चलते यह समस्या बनी रहती है।

घटना के वक्त जब लिफ्ट अचानक बीच में रुक गई तो कई बार प्रयास करने के बावजूद उसे खोला नहीं जा सका। इसके बाद रेजिडेंट्स ने पास की दूसरी सोसायटी से एक लिफ्ट ऑपरेटर को बुलाया और उसकी मदद से लिफ्ट का दरवाजा खोलकर महिला को बाहर निकाला। गनीमत यह रही कि समय पर दरवाजा खुलने से महिला की जान बच गई।

घटना के बाद नाराज रेजिडेंट्स देर रात बिसरख थाने भी पहुंचे और पुलिस से इस मामले में शिकायत दर्ज करने की मांग की। रेजिडेंट्स का आरोप है कि पुलिस ने उनकी शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया और एफआईआर दर्ज करने से इनकार कर दिया। इस पर निवासियों ने नाराजगी जताते हुए कहा कि लिफ्ट हादसे में किसी की जान भी जा सकती थी, ऐसे में पुलिस का यह रवैया बेहद गैर-जिम्मेदाराना है।

स्थानीय निवासियों का कहना है कि बार-बार लिफ्ट खराब होने के बावजूद बिल्डर और मेंटेनेंस टीम कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है। यह घटना बिल्डरों की लापरवाही और सुरक्षा इंतजामों की पोल खोलती है।

बिसरख थाना क्षेत्र के इस मामले ने एक बार फिर ग्रेटर नोएडा की हाई-राइज सोसायटियों की सुरक्षा और मेंटेनेंस पर सवाल खड़े कर दिए हैं। रेजिडेंट्स ने चेतावनी दी है कि अगर बिल्डर और प्रशासन ने जल्द ही ठोस कदम नहीं उठाए तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करने को मजबूर होंगे।

--आईएएनएस

पीकेटी/एएस