चंबा: प्राकृतिक आपदा से टूटी किसानों की कमर, 19 करोड़ का नुकसान

चंबा, 8 सितंबर (आईएएनएस)। हाल ही में आई प्राकृतिक आपदा से हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले के किसानों को भारी नुकसान पहुंचा है। भारी बारिश, भूस्खलन और बाढ़ ने जहां जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया, वहीं कृषि क्षेत्र को भी तगड़ा झटका लगा है।
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चंबा: प्राकृतिक आपदा से टूटी किसानों की कमर, 19 करोड़ का नुकसान

चंबा, 8 सितंबर (आईएएनएस)। हाल ही में आई प्राकृतिक आपदा से हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले के किसानों को भारी नुकसान पहुंचा है। भारी बारिश, भूस्खलन और बाढ़ ने जहां जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया, वहीं कृषि क्षेत्र को भी तगड़ा झटका लगा है।

कृषि विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, जिले में फसलों को हुए नुकसान का अनुमानित आंकड़ा करीब 19 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है।

जानकारी के मुताबिक, आपदा की सबसे ज्यादा मार फसलों पर पड़ी है। कई इलाकों में खेतों की उपजाऊ मिट्टी बह गई है, जिससे किसान आने वाले सीजन में भी सही ढंग से खेती करने को लेकर असमंजस में हैं। खड़ी फसलों के नष्ट हो जाने से किसान न केवल तत्कालीन आय से वंचित हो गए हैं, बल्कि उन्हें बीज और खाद की व्यवस्था करने की भी बड़ी चुनौती सामने खड़ी है।

कृषि उपनिदेशक चंबा भूपेंद्र सिंह ने सोमवार को बताया कि खरीफ सीजन के तहत जिले में लगभग 28 हजार हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में फसलें लगाई गई थीं। आपदा के कारण बड़ी संख्या में खेत और फसलें बर्बाद हो गईं। विभागीय टीमों ने नुकसान का आकलन करने के लिए प्रभावित गांवों का दौरा किया है और अब तक की रिपोर्ट के अनुसार करीब 19 करोड़ रुपये का नुकसान सामने आया है।

उन्होंने कहा कि यह नुकसान सिर्फ किसानों की आय पर ही नहीं, बल्कि जिले की संपूर्ण कृषि अर्थव्यवस्था पर भी गहरी चोट है। विभाग ने नुकसान की रिपोर्ट सरकार को भेज दी है और उम्मीद है कि जल्द ही राज्य और केंद्र सरकार प्रभावित किसानों को राहत और आर्थिक सहायता उपलब्ध कराएगी।

आपदा के बाद किसानों के सामने आने वाले सीजन के लिए खेती को फिर से शुरू करना सबसे बड़ी चुनौती है। जिन खेतों की मिट्टी बह गई है, उन्हें दोबारा उपजाऊ बनाने में समय और मेहनत दोनों लगेंगे। वहीं, जिन किसानों की पूरी फसल बर्बाद हो गई है, उनके सामने परिवार का गुजारा चलाना भी कठिन हो गया है।

--आईएएनएस

पीएसके