CM MK Stalin Challenges Election Commission in Supreme Court Over Voter List Revision

In a significant move, Tamil Nadu Chief Minister MK Stalin has taken legal action against the Election Commission, challenging the proposed special intensive revision of the voter list. The DMK argues that this revision could undermine free and fair elections. Stalin emphasizes the need for all political parties to unite against what he describes as an attempt to strip citizens of their voting rights. The Supreme Court petition follows a recent all-party meeting where concerns about the voter list revision were discussed. This article delves into the details of Stalin's actions and the implications for democracy in Tamil Nadu.
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CM MK Stalin Challenges Election Commission in Supreme Court Over Voter List Revision

MK Stalin Takes a Stand Against Election Commission

CM MK Stalin Challenges Election Commission in Supreme Court Over Voter List Revision

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के नेतृत्व में द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) ने चुनाव आयोग के खिलाफ मोर्चा खोला है। विधानसभा चुनावों से पहले, स्टालिन की पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है, जिसमें मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को रद्द करने की मांग की गई है। उनका कहना है कि यह प्रक्रिया स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों में बाधा डाल सकती है। स्टालिन ने इस बारे में अपने सोशल मीडिया पर जानकारी साझा की है।

स्टालिन ने लिखा है कि सभी राजनीतिक दलों का यह कर्तव्य है कि वे एकजुट होकर तमिलनाडु के लोगों के मताधिकार को छीनने के प्रयासों का विरोध करें। उन्होंने कहा कि एसआईआर को किसी भी स्थिति में लागू नहीं होने दिया जाएगा। चुनाव आयोग के इस कदम को सफल नहीं होने देंगे।

सर्वदलीय बैठक का आयोजन

डीएमके पार्टी के सांसद और वरिष्ठ वकील एनआर एलंगो के माध्यम से अदालत में याचिका दायर की गई है। यह कदम स्टालिन द्वारा बुलाए गए सर्वदलीय बैठक के एक दिन बाद उठाया गया, जिसमें तमिलनाडु और अन्य 12 राज्यों में मतदाता सूची संशोधन के दूसरे चरण के खिलाफ शीर्ष अदालत जाने का निर्णय लिया गया।

2026 के चुनावों के बाद हो एसआईआर

स्टालिन का कहना है कि मतदाता सूची में संशोधन के संबंध में भ्रम और संदेह को देखते हुए, यह आवश्यक है कि इसे 2026 के आम चुनावों के बाद किया जाए। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक में सर्वोच्च न्यायालय जाने का प्रस्ताव पारित किया गया।

49 दलों के नेताओं का आभार

मुख्यमंत्री ने उन 49 दलों के नेताओं का आभार व्यक्त किया जिन्होंने सर्वदलीय बैठक में भाग लिया। उन्होंने उन दलों से भी अनुरोध किया जो बैठक में शामिल नहीं हुए, कि वे अपने दलों में इस मुद्दे पर चर्चा करें और लोकतंत्र की रक्षा के लिए कदम उठाएं।