CBSE और अन्य स्कूल बोर्डों के रिजल्ट में समानता लाने की पहल

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) और अन्य स्कूल एजुकेशन बोर्डों के 10वीं और 12वीं के रिजल्ट में समानता लाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। PARAKH ने इस दिशा में एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया है, जिसका उद्देश्य सभी बोर्डों के छात्रों को समान अवसर प्रदान करना है। इस पहल से छात्रों को प्रवेश परीक्षाओं में बेहतर अवसर मिलेंगे। जानें इस प्रक्रिया के पीछे का कारण और इसके संभावित लाभ।
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CBSE और अन्य स्कूल बोर्डों के रिजल्ट में समानता लाने की पहल

समान मानक के लिए नई पहल

CBSE और अन्य स्कूल बोर्डों के रिजल्ट में समानता लाने की पहल

School StudentImage Credit source: Deepak Sethi/E+/Getty Images

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) और अन्य स्कूल बोर्डों के 10वीं और 12वीं के परिणामों में समानता लाने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं। सभी शिक्षा बोर्डों के लिए 10वीं और 12वीं के सर्टिफिकेट के मानक को एक समान बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके लिए नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) के तहत PARAKH ने एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया है।

आइए जानते हैं कि यह प्रक्रिया कैसे काम करेगी और छात्रों को इससे क्या लाभ होगा।

AIU की भूमिका

सीबीएसई और अन्य स्कूल बोर्डों के परिणामों को एकरूपता देने का कार्य पहले एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज (AIU) द्वारा किया जा रहा था। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने 6 सितंबर को PARAKH को यह जिम्मेदारी सौंपी थी।

छात्रों को मिलने वाले लाभ

सीबीएसई और अन्य बोर्डों के परिणामों के मानक को एक समान करने का उद्देश्य छात्रों को लाभ पहुंचाना है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे 12वीं के बाद होने वाले प्रवेश परीक्षाओं में सभी बोर्डों के छात्रों को समान अवसर मिलेंगे। पहले, प्रवेश परीक्षाओं में सीबीएसई के छात्रों को अधिक प्राथमिकता दी जाती थी।

SOP का निर्माण

PARAKH द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) तैयार करेगी। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के निर्देशों के अनुसार, SOP में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी स्कूल बोर्ड RTE 2009 और NCF के नियमों का पालन करें।

असमानताएं और समाधान

वर्तमान में, स्कूल एजुकेशन बोर्डों में पाठ्यक्रम डिजाइन, संचालन और मूल्यांकन में कई असमानताएं हैं। इन मुद्दों को सुलझाने के लिए कोई ठोस तंत्र या वैधानिक प्रावधान नहीं है। PARAKH ने 2024 में इस विषय पर एक रिपोर्ट भी जारी की थी, जिसमें देश के 34 स्कूल बोर्डों का अध्ययन किया गया था।

देश में स्कूल बोर्डों की संख्या

भारत में कुल 66 मान्यता प्राप्त स्कूल एजुकेशन बोर्ड हैं, जो 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं आयोजित करते हैं। इनमें दो अंतरराष्ट्रीय स्कूल बोर्ड, इंटरनेशनल बैकलॉरिएट (IB) और इंटरनेशनल जनरल सर्टिफिकेट ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (IGCSI) भी शामिल हैं। देश में 205 IB स्कूल और 700 से अधिक IGCSI स्कूल हैं।

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