BSF ने 6 करोड़ रुपये की फेंसेडिल कफ सिरप की तस्करी का पर्दाफाश किया

फेंसेडिल कफ सिरप की जब्ती

सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने पिछले 2-3 वर्षों में पश्चिम बंगाल-बांग्लादेश सीमा से 6 करोड़ रुपये से अधिक की फेंसेडिल कफ सिरप जब्त की है। यह कंसाइनमेंट भारत के अवैध दवा बाजार की ओर जा रहा था। हाल ही में नकली कफ सिरप के कारण बच्चों की मौतों ने यह सवाल खड़ा किया है कि कितनी मात्रा में ये नकली दवाएं पहले ही बाजार में पहुंच चुकी होंगी।
हर साल, BSF पश्चिम बंगाल, असम और त्रिपुरा से लगी भारत-बांग्लादेश सीमाओं से कई अवैध वस्तुएं जब्त करती है, जिसमें फेंसेडिल कफ सिरप भी शामिल है। इस सिरप का उपयोग अब नशे के लिए किया जा रहा है।
तस्करों के अनोखे तरीके
तस्करों ने इन नशीली दवाओं को बाजारों तक पहुंचाने के लिए अजीबोगरीब तरीके अपनाए। बीएसएफ द्वारा जब्त की गई पहली कंसाइनमेंट में फेंसेडिल की बोतलें खोखले बांस के अंदर छिपाई गई थीं। पहली नजर में ये सामान्य बांस लग रहे थे, लेकिन गहन जांच के बाद पता चला कि इनमें सैकड़ों सिरप की बोतलें छिपी हुई थीं।
दूसरी जब्ती में कंक्रीट के खंभों के अंदर एक और कंसाइनमेंट मिला। जब इन खंभों को तोड़ा गया, तो बीएसएफ कर्मियों को खंभों के अंदर फेंसेडिल की बोतलों से भरा एक लोहे का ढांचा मिला। तीसरी जब्ती में, बीएसएफ को कद्दूओं से भरे बैग मिले, जो खोखले थे और उनमें फेंसेडिल सिरप की बोतलें भरी हुई थीं।
तस्करी का मुख्य केंद्र
बीएसएफ के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि तस्करी के मुख्य केंद्र नार्थ 24 परगना, नदिया, दक्षिण 24 परगना, सिलीगुड़ी, कूचबिहार, अलीपुरद्वार और दिनाजपुर जिले हैं। तस्करी के रास्ते असम, मणिपुर, त्रिपुरा और मेघालय तक फैले हुए हैं। फेंसेडिल की प्रत्येक बोतल की कीमत 70 से 110 रुपये के बीच है। पिछले दो वर्षों में, अकेले दक्षिण और उत्तर बंगाल में 6 करोड़ की जब्ती की गई है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
बीजेपी नेता राहुल सिन्हा ने बंगाल सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “अगर 6 करोड़ रुपये की फेंसेडिल पकड़ी गई है, तो सोचिए कि इसकी कितनी मात्रा ग्रे मार्केट में पहुंच गई होगी। चाहे बांग्लादेशी लोग हों या बांग्लादेशी दवाइयां, दुर्भाग्य से बंगाल इस मामले में नंबर 1 बन गया है।”