BRS में कलवकुंतला कविता की बढ़ती असहमति, नई पार्टी की संभावना

भारत राष्ट्र समिति (BRS) में कलवकुंतला कविता की बढ़ती असहमति और पार्टी के भीतर चल रहे विवादों के बीच नई पार्टी की संभावनाओं पर चर्चा हो रही है। कविता ने हाल ही में जेल में BJP के साथ विलय का प्रस्ताव मिलने का दावा किया है, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया। स्थानीय नेताओं की अनुपस्थिति और उनके खिलाफ साजिशों के आरोपों ने पार्टी में असंतोष को बढ़ा दिया है। क्या कविता अपनी नई पार्टी की घोषणा करेंगी? जानें इस राजनीतिक उथल-पुथल के पीछे की कहानी।
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BRS में कलवकुंतला कविता की बढ़ती असहमति, नई पार्टी की संभावना

BRS में असंतोष की लहर

भारत राष्ट्र समिति (BRS) के भीतर सब कुछ ठीक नहीं लग रहा है। वरिष्ठ नेता और MLC कलवकुंतला कविता ने शुक्रवार को तेलंगाना के विभिन्न जिलों के दौरे के तहत मंछेरियल का दौरा किया।


कविता का पार्टी पर नियंत्रण पाने का प्रयास

इस बीच, उनकी यात्रा को लेकर सवाल उठ रहे हैं। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि कविता पार्टी पर मजबूत पकड़ बनाना चाहती हैं और लोगों तथा कार्यकर्ताओं से सीधे जुड़ना चाहती हैं।


स्थानीय नेताओं की अनुपस्थिति

मंछेरियल में नेताओं के बीच चर्चा है कि उन्हें पार्टी में अलग-थलग करने के प्रयास किए जा रहे हैं। उनकी यात्रा के दौरान स्थानीय नेता अनुपस्थित रहे, जो पार्टी के भीतर असंतोष का संकेत देता है।


जेल में मिली BJP विलय की पेशकश

BRS में राजनीतिक उथल-पुथल तब शुरू हुई जब K Chandrashekar Rao के बेटे K. T. रामाराव (KTR) और बेटी K कविता के बीच मतभेद उभरे। कविता ने हाल ही में चौंकाने वाले खुलासे किए, जिसमें उन्होंने कहा कि उन्हें दिल्ली शराब घोटाले में कथित संलिप्तता के दौरान जेल में BJP के साथ विलय का प्रस्ताव दिया गया था।


सोशल मीडिया पर पार्टी संचालन की आलोचना

कविता ने अपने भाई KTR पर अप्रत्यक्ष रूप से हमला करते हुए कहा कि पार्टी का संचालन सोशल मीडिया के माध्यम से नहीं किया जा सकता। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ नेता उन्हें पार्टी से बाहर करने की साजिश कर रहे हैं।


नई पार्टी की संभावना

कविता ने संकेत दिया है कि यदि पार्टी के भीतर के मुद्दे हल नहीं होते हैं, तो वह एक नई पार्टी शुरू कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि वह अभी भी पार्टी और अपने पिता KCR के प्रति वफादार हैं।


भविष्य की अनिश्चितता

KCR ने अब तक अपने बच्चों के बीच बढ़ते मतभेदों पर चुप्पी साधी है। यह देखना बाकी है कि पार्टी का भविष्य क्या होगा।