BMC चुनाव में राजनीतिक गठबंधनों का टूटना और ठाकरे बंधुओं का एकजुट होना

महाराष्ट्र में BMC चुनावों के दौरान राजनीतिक गठबंधनों में दरार आ गई है, जिससे प्रमुख दल अकेले चुनाव लड़ने का निर्णय ले रहे हैं। ठाकरे परिवार के सदस्य उद्धव और राज ठाकरे ने हाल ही में एकजुटता दिखाई है, जबकि कांग्रेस और वंचित बहुजन आघाड़ी के बीच सीटों का बंटवारा विवादित रहा है। जानें इस चुनाव में दलों की स्थिति और आगामी मतदान की तिथियों के बारे में।
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BMC चुनाव में राजनीतिक गठबंधनों का टूटना और ठाकरे बंधुओं का एकजुट होना

BMC चुनाव में प्रमुख दलों की स्थिति

BMC चुनाव में राजनीतिक गठबंधनों का टूटना और ठाकरे बंधुओं का एकजुट होना

राजनीतिक दल अपने-अपने स्तर पर BMC चुनाव में भाग ले रहे हैं।

महाराष्ट्र में नगर निगम चुनावों के दौरान राजनीतिक गठबंधनों में दरार आ गई है। अब प्रमुख दल अकेले चुनाव लड़ने का निर्णय ले रहे हैं। मुंबई महानगरपालिका (BMC) चुनाव में सत्तारूढ़ महायुति के घटक दल एकजुट होकर चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। वहीं, विपक्षी महाविकास अघाड़ी भी अपने-अपने उम्मीदवारों के साथ चुनावी मैदान में हैं। इस बीच, ठाकरे परिवार एक बार फिर करीब आ गया है।

उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के बीच हाल ही में हुई मुलाकात ने इस चुनाव में उनके एकजुट होने का संकेत दिया है। राज ठाकरे ने उद्धव से उनके निवास 'मातोश्री' पर मुलाकात की। दोनों दल मिलकर चुनाव लड़ने की योजना बना रहे हैं, लेकिन सीटों के बंटवारे को लेकर कुछ असमंजस बना हुआ है.

15 जनवरी को होंगे मतदान

मुंबई और अन्य शहरों में एमएनएस और शिवसेना (उद्धव) मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं। मुंबई में, दोनों दलों का राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के साथ गठबंधन है। हालांकि, सीटों के बंटवारे पर अभी कोई स्पष्टता नहीं है। सूत्रों के अनुसार, शिवसेना (उद्धव) 150 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि NCP को 11 सीटें मिल सकती हैं, और बाकी सीटें राज ठाकरे की पार्टी के लिए होंगी.

बीएमसी और राज्य के 29 अन्य नगरपालिकाओं के चुनाव 15 जनवरी को होंगे, और मतगणना अगले दिन की जाएगी। बीएमसी देश का सबसे बड़ा नगर निकाय है, जिसका वार्षिक बजट 74,000 करोड़ रुपये से अधिक है.

महायुति में बीजेपी-शिवसेना का साथ

महायुति गठबंधन भी कई स्थानों पर एकजुट नहीं है। मुंबई नगर निगम चुनाव पर सभी की नजरें टिकी हैं। बीजेपी 137 सीटों पर और शिवसेना (एकनाथ शिंदे) 90 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। दोनों दल अपने सहयोगियों को भी सीटें आवंटित करेंगे.

बीजेपी और शिवसेना ने मुंबई के अलावा ठाणे, जलगांव और नागपुर में समझौता किया है। हालांकि, कई प्रमुख नगर निगमों में दोनों दल अलग-अलग चुनाव लड़ रहे हैं.

कांग्रेस और VBA की स्थिति

उद्धव ठाकरे की शिवसेना, राज ठाकरे की एमएनएस और शरद पवार की NCP मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं। दूसरी ओर, कांग्रेस अकेले BMC चुनाव में भाग ले रही है और वंचित बहुजन आघाड़ी (VBA) के साथ गठबंधन किया है। लेकिन VBA को 20 सीटों पर उम्मीदवार नहीं मिले, जिससे उसे ये सीटें वापस करनी पड़ीं.

बीजेपी ने मौजूदा विधायकों के रिश्तेदारों को टिकट नहीं देने के अपने रुख को बदलते हुए, महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के परिवार के तीन सदस्यों को उम्मीदवार बनाया है.

नागपुर में अलग-अलग चुनाव

कांग्रेस और NCP नागपुर नगर निगम में भी अलग-अलग चुनाव लड़ेंगे। NCP ने कांग्रेस पर सीट आवंटन में अनदेखी का आरोप लगाया है.

कांग्रेस अब अकेले ही 528 सीटों पर चुनाव लड़ने जा रही है, जो कि 1999 के बाद से सबसे अधिक है. इसके अलावा, कांग्रेस कई अन्य नगर निगमों में भी अकेले चुनाव लड़ रही है.

ठाणे में कांग्रेस 101 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि पुणे और छत्रपति संभाजी नगर में 100 सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी. पवार परिवार भी इस चुनाव में सक्रिय है, जिससे मुकाबला और दिलचस्प हो गया है.