Arattai बनाम WhatsApp: जानें क्यों नहीं है यह सुरक्षित विकल्प

Arattai और WhatsApp की तुलना

Arattai को Whatsapp का विकल्प माना जा रहा है.
Arattai बनाम WhatsApp: 'मेड इन इंडिया' मैसेजिंग ऐप Arattai वर्तमान में चर्चा का विषय है। इसे मेटा के व्हाट्सएप का प्रतिस्पर्धी माना जा रहा है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसमें व्हाट्सएप के महत्वपूर्ण सुरक्षा फीचर्स की कमी है? यदि आप WhatsApp से Arattai पर स्विच करने का विचार कर रहे हैं, तो इस महत्वपूर्ण फीचर के बारे में जानना आवश्यक है।
क्या Arattai ऐप सुरक्षित है?
यदि आप Arattai का उपयोग व्यक्तिगत मैसेजिंग के लिए कर रहे हैं, तो सबसे महत्वपूर्ण सवाल प्राइवेसी का है। क्या यह ऐप आपकी चैट्स के लिए सुरक्षित है? इसका उत्तर है नहीं! Arattai में वर्तमान में एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन (E2E) का महत्वपूर्ण फीचर नहीं है। इसका मतलब है कि आपकी भेजी गई या प्राप्त की गई चैट्स और तस्वीरें कंपनी द्वारा देखी जा सकती हैं।
एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन क्या है और यह क्यों आवश्यक है?
एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन एक तकनीक है जो आपके भेजे गए संदेशों को कोड में बदल देती है, ताकि कोई भी उन्हें रास्ते में न पढ़ सके। केवल भेजने वाले और प्राप्त करने वाले के फोन पर ही संदेश डिक्रिप्ट होकर समझ में आता है। WhatsApp और Signal जैसे ऐप्स में यही तकनीक उन्हें सुरक्षित बनाती है, क्योंकि कोई भी, यहां तक कि ऐप खुद भी, आपके संदेश नहीं पढ़ सकता।
Arattai में प्राइवेसी की कमी क्यों है?
Arattai में वीडियो और वॉयस कॉल्स तो E2E से सुरक्षित हैं, लेकिन टेक्स्ट चैट्स नहीं। इसका मतलब है कि आपके द्वारा भेजे गए संदेशों को इंटरसेप्ट किया जा सकता है। कोई हैकर, आपका इंटरनेट सेवा प्रदाता या सरकारी एजेंसियां आपके संदेशों को पढ़ सकती हैं। यह एक गंभीर प्राइवेसी का खतरा है, खासकर जब आप संवेदनशील जानकारी भेज रहे हों।
Arattai की स्थिति और कंपनी का आश्वासन
Zoho के संस्थापक श्रीधर वेम्बू द्वारा 2021 में लॉन्च किया गया Arattai ऐप शुरू में चैट E2E फीचर की आवश्यकता नहीं समझा गया। हालांकि, अब कंपनी ने कहा है कि वह इस फीचर पर आंतरिक परीक्षण कर रही है और जल्द ही एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन को लागू करेगी। लेकिन जब तक यह फीचर सक्रिय नहीं होता, तब तक प्राइवेसी को लेकर भरोसा करना मुश्किल है।
दुनिया में E2E पर बहस
केवल Arattai ही नहीं, बल्कि पश्चिमी देशों में भी सरकारें E2E फीचर को कमजोर करने की कोशिश कर रही हैं ताकि संदेशों के कंटेंट को पढ़ा जा सके। लेकिन WhatsApp जैसी कंपनियां इसके खिलाफ हैं और कह चुकी हैं कि यदि यह दबाव बढ़ा तो वे उन क्षेत्रों में काम करना बंद कर सकती हैं। E2E केवल तकनीक नहीं, बल्कि एक प्राइवेसी अधिकार है।
क्या Arattai WhatsApp का सुरक्षित विकल्प बन सकता है?
जब तक Arattai चैट्स के लिए E2E सुरक्षा नहीं जोड़ता, तब तक इसे WhatsApp का विकल्प नहीं माना जा सकता। प्राइवेसी के प्रति जागरूक उपयोगकर्ताओं के लिए यह ऐप अभी भरोसेमंद नहीं है। किसी भी ऐप का चयन करते समय उसकी सुरक्षा नीति, डेटा हैंडलिंग और एन्क्रिप्शन फीचर को समझना आवश्यक है।