62 वर्षीय पूर्व विधायक की युवा दुल्हन से शादी, राजनीतिक भविष्य पर चर्चा

समस्तीपुर जिले के पूर्व विधायक राम बालक सिंह ने 62 वर्ष की आयु में 31 वर्षीय रवीना से शादी की है, जो राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गई है। यह शादी उनकी पहली पत्नी की मृत्यु के तीन साल बाद और आगामी बिहार विधानसभा चुनाव से पहले हुई है। कई लोग इसे एक रणनीतिक कदम मानते हैं, जिसमें सिंह अपनी नई पत्नी को चुनाव में उम्मीदवार के रूप में पेश करने की योजना बना रहे हैं। इस विवाह के संभावित राजनीतिक प्रभावों पर चर्चा जारी है, जिससे उनकी राजनीतिक स्थिति और जेडीयू पार्टी के भीतर गतिशीलता पर सवाल उठ रहे हैं।
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राम बालक सिंह की नई शादी पर राजनीतिक अटकलें

62 वर्षीय पूर्व विधायक की युवा दुल्हन से शादी, राजनीतिक भविष्य पर चर्चा


समस्तीपुर जिले के विभूतिपुर से जेडीयू के पूर्व विधायक राम बालक सिंह ने हाल ही में अपनी दूसरी शादी की है, जो कि चर्चा का विषय बन गई है। 62 वर्ष की आयु में, उन्होंने 31 वर्षीय रवीना से विवाह किया है। यह शादी उनकी पहली पत्नी की मृत्यु के तीन साल बाद और बिहार विधानसभा चुनाव से पहले हुई है, जिससे अटकलों का बाजार गर्म हो गया है।


कई लोग मानते हैं कि यह शादी एक रणनीतिक कदम है। ऐसी संभावना है कि राम बालक सिंह अपनी नई पत्नी को 2025 के विधानसभा चुनावों में उम्मीदवार के रूप में पेश करने की योजना बना रहे हैं। उनके पिछले आपराधिक मामलों के कारण उनके राजनीतिक करियर में चुनौतियाँ आ रही हैं, जिससे पार्टी टिकट पाने की संभावनाएँ प्रभावित हो सकती हैं।


इस शादी को कुछ लोग उनके राजनीतिक भविष्य को सुरक्षित करने के लिए एक सोची-समझी चाल मानते हैं। रवीना से विवाह करना उनके लिए टिकट पाने का एक तरीका हो सकता है, खासकर जब पिछले आरोपों के कारण उन्हें टिकट खोने का खतरा है। इसने राजनीतिक हलकों में चर्चाओं को और बढ़ा दिया है।


शादी की रस्में सोमवार की रात बेगूसराय के गढ़पुरा में एक मंदिर में संपन्न हुईं। मंगलवार की सुबह, राम बालक सिंह और उनकी दुल्हन विभूतिपुर में अपने पैतृक घर पहुंचे। यह आयोजन न केवल व्यक्तिगत महत्व रखता है, बल्कि स्थानीय राजनीति पर इसके संभावित प्रभाव के लिए भी ध्यान आकर्षित कर रहा है।


राम बालक सिंह लंबे समय से राजनीति में सक्रिय हैं और उन पर गंभीर अपराधों के आरोप लगे हैं, जिनमें से कुछ में उन्हें सजा भी हुई है। उनकी पहली पत्नी आशा रानी तीन साल पहले तक गांव की प्रधान थीं और उनके तीन बेटियाँ हैं, जिनमें से दो की शादी हो चुकी है।


इससे पहले, सिंह जेडीयू के किसान प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं, लेकिन वर्तमान में पार्टी में किसी आधिकारिक पद पर नहीं हैं। उनकी पिछली भूमिकाएँ और वर्तमान स्थिति उनके भविष्य के कदमों और आगामी चुनावों पर अटकलें पैदा कर रही हैं।


इस विवाह का न केवल व्यक्तिगत बल्कि राजनीतिक प्रभाव भी हो सकता है। इस घटनाक्रम के दौरान, पर्यवेक्षक यह देखने के लिए उत्सुक हैं कि यह उनके राजनीतिक प्रक्षेपवक्र और जेडीयू पार्टी के भीतर गतिशीलता को कैसे प्रभावित करेगा।