21 अरब का लोन: एयरपोर्ट के नाम पर हुआ बड़ा फ्रॉड

बैंक से लोन लेने की प्रक्रिया
लोन लेना आम आदमी के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होता है। जब किसी के पास पर्याप्त धन नहीं होता, तो वह अपने व्यवसाय के लिए बैंक से लोन लेने की कोशिश करता है। बैंक लोन देने से पहले सभी आवश्यक जानकारी की जांच करता है और आवेदक के बैकग्राउंड का मूल्यांकन करता है। इसके बदले में, लोन लेने वाला व्यक्ति ब्याज चुकाता है। हालांकि, लोन की प्रक्रिया कई चरणों से गुजरती है, जिसमें बैंक यह सुनिश्चित करता है कि वह धोखाधड़ी का शिकार न हो।
एक अनोखा फ्रॉड
हाल ही में एक व्यक्ति ने बैंक से 21 अरब रुपये का लोन लिया, जिसका कारण सुनकर आप चौंक जाएंगे। इस व्यक्ति ने बैंक को बताया कि वह एक एयरपोर्ट का निर्माण कर रहा है। लेकिन असल में, न तो कोई एयरपोर्ट बन रहा था और न ही उसका ऐसा कोई इरादा था। यह पूरी तरह से धोखाधड़ी का एक तरीका था।
फ्रॉड का मास्टरमाइंड
इस धोखाधड़ी का मुख्य आरोपी एम्मानुएल नवुड है, जो पहले नाइजीरिया के यूनियन बैंक में निदेशक रह चुका है। उसने अपने बैंकिंग अनुभव का उपयोग करते हुए ब्राजील के एक बैंक के निदेशक नेलसन सकागुची को कॉल करके 21 अरब रुपये का लोन लिया। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि ब्राजील के बैंक ने बिना किसी जांच के केवल एक कॉल पर इतनी बड़ी राशि जारी कर दी।
जांच और सजा
जब बैंक ने 1997 में अपने खातों की जांच की, तो उन्हें इस मामले में संदेह हुआ। जांच के बाद, बैंक ने अदालत का दरवाजा खटखटाया, जहां एम्मानुएल नवुड को धोखाधड़ी का दोषी पाया गया। उसे 25 साल की जेल की सजा सुनाई गई, लेकिन 2006 में उसे रिहा कर दिया गया। इस घटना के बाद, इस तरह के धोखाधड़ी को 419 स्कैम के नाम से जाना जाने लगा। एम्मानुएल नवुड द्वारा की गई यह धोखाधड़ी दुनिया के सबसे बड़े फ्रॉड्स में से एक मानी जाती है।