2026 में जॉब मार्केट में नई रौनक, छोटे शहरों में बढ़ेगा रोजगार
2026 में रोजगार के नए अवसर
2026 में बंपर भर्ती!
पिछले वर्ष में नौकरी की स्थिति कुछ सुस्त रही थी। कंपनियों ने भर्ती में सतर्कता बरती और बाजार में अनिश्चितता का माहौल था। लेकिन अब स्थिति में सुधार होता दिख रहा है। TAGGD और भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) द्वारा जारी की गई नई रिपोर्ट ‘इंडिया डिकोडिंग जॉब्स 2026’ के अनुसार, देश में भर्ती की इच्छाशक्ति दो अंकों में पहुंच गई है, जिसका अर्थ है कि कंपनियां अब पहले से अधिक लोगों को नौकरी देने के लिए तैयार हैं।
पिछले साल यह आंकड़ा लगभग 9.75% था, जो अब 2026 में बढ़कर 11% हो गया है। यह एक स्पष्ट संकेत है कि भारत का जॉब मार्केट फिर से गति पकड़ रहा है।
नौकरियों की मांग के प्रमुख क्षेत्र
रिपोर्ट के अनुसार, BFSI (बैंकिंग, फाइनेंस और इंश्योरेंस), विनिर्माण और बुनियादी ढांचा जैसे क्षेत्र नौकरी सृजन में सबसे आगे रहेंगे। इन क्षेत्रों में निवेश में वृद्धि और तकनीकी अपनाने के कारण नए अवसरों की भरपूर संभावना है। इसके अलावा, डिजिटल और तकनीकी क्षेत्र भी तेजी से भर्ती कर रहे हैं। कंपनियां अब उन उम्मीदवारों को प्राथमिकता दे रही हैं जिनके पास AI, क्लाउड कंप्यूटिंग, डेटा एनालिटिक्स और साइबर सुरक्षा जैसी नई तकनीकों का ज्ञान है।
भर्ती प्रक्रिया में AI का योगदान
रिपोर्ट में एक दिलचस्प तथ्य यह है कि भर्ती प्रक्रिया में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की भूमिका बढ़ रही है। लगभग 60% कंपनियां रिज्यूमे की स्क्रीनिंग के लिए AI का उपयोग कर रही हैं और 45% कंपनियां इंटरव्यू प्रक्रिया को ऑटोमेट कर रही हैं। इसका मतलब है कि AI अब केवल तकनीकी नौकरियों का हिस्सा नहीं, बल्कि भर्ती का एक महत्वपूर्ण उपकरण बन गया है। इसलिए, भविष्य में AI से संबंधित कौशल हर उम्मीदवार के लिए आवश्यक हो जाएंगे।
अनुभवी पेशेवरों की बढ़ती मांग
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि 2026 का वर्ष अनुभवी पेशेवरों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण रहेगा। कंपनियां अब ऐसे व्यक्तियों को प्राथमिकता दे रही हैं जिनके पास 6 से 15 वर्ष या उससे अधिक का अनुभव है। यह स्पष्ट है कि बाजार में केवल नई नौकरियां ही नहीं, बल्कि गुणवत्ता वाले प्रतिभा की भी मांग बढ़ रही है।
टियर-II शहरों में अवसरों की वृद्धि
एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि अब छोटे शहरों, यानी टियर-II स्थानों में भी नौकरियों की संभावनाएं बढ़ रही हैं। रिपोर्ट के अनुसार, 2026 में कुल नौकरियों में से लगभग 32% ऐसे स्थानों से आएंगी। कंपनियां अब केवल मेट्रो शहरों तक सीमित नहीं रहना चाहतीं, बल्कि किफायती और कुशल प्रतिभा के लिए इंदौर, जयपुर, लखनऊ, कोयंबटूर, चंडीगढ़ जैसे शहरों की ओर रुख कर रही हैं।
