2026 तक टोल प्लाजा पर रुकने की आवश्यकता नहीं, नया टोल सिस्टम लागू
नई टोल प्रणाली का परिचय
नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजमार्गों पर यात्रा करने वाले यात्रियों को 2026 के अंत तक टोल प्लाजा पर रुकने की आवश्यकता नहीं होगी। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को घोषणा की कि सरकार मल्टी-लेन फ्री फ्लो (एमएलएफएफ) टोल प्रणाली को लागू कर रही है। इस प्रणाली के तहत, वाहन चलते-चलते ही टोल शुल्क कट जाएगा। गडकरी ने बताया कि अगस्त में शुरू किया गया फास्टैग एनुअल पास भी यात्रियों के लिए एक महत्वपूर्ण सुविधा साबित हुआ है, जिसके माध्यम से निजी वाहन 200 टोल प्लाजा पार कर सकते हैं। अब तक 40 लाख से अधिक निजी कार मालिक इस पास का लाभ उठा चुके हैं।
नए सिस्टम की कार्यप्रणाली
गडकरी ने बताया कि इस नए सिस्टम में सड़क पर लगे कैमरे वाहन की नंबर प्लेट को पढ़ेंगे और टोल की राशि अपने आप वाहन के फास्टैग खाते से काट लेंगे। यह प्रक्रिया तब भी होगी जब वाहन 80 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चल रहा हो। उन्होंने इस बारे में बुधवार को राज्यसभा में जानकारी दी।
ईंधन की बचत और टोल आय में वृद्धि
गडकरी ने पहले दिन में राज्यसभा में कहा कि एमएलएफएफ प्रणाली से ईंधन की बचत होगी और इससे सालाना लगभग 1,500 करोड़ रुपये का लाभ होगा। इसके साथ ही, टोल से होने वाली आय में लगभग 6,000 करोड़ रुपये की वृद्धि की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि यह प्रणाली टोल वसूली को पारदर्शी बनाएगी और भ्रष्टाचार को समाप्त करने में मदद करेगी।
बकाया टोल शुल्क और ई-चालान
गडकरी ने यह भी बताया कि सरकार एक ऐसा सिस्टम विकसित कर रही है, जिसके तहत वाहन बेचते समय या रजिस्ट्रेशन नवीनीकरण के दौरान मालिक को सभी बकाया भुगतान करने होंगे, जिसमें पेंडिंग टोल शुल्क और ई-चालान भी शामिल होंगे।
सरकार की विकास प्राथमिकताएँ
हाइवे विकास की अगली प्राथमिकता पर चर्चा करते हुए गडकरी ने कहा कि सरकार अब ग्रीनफील्ड हाइवे पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रही है, जिससे लॉजिस्टिक्स लागत को कम किया जा सके। उन्होंने बताया कि पहले भारत में लॉजिस्टिक्स लागत लगभग 16 प्रतिशत थी, लेकिन हालिया अध्ययन के अनुसार, सड़क परिवहन में यह लागत 6 प्रतिशत कम हो गई है। अब यह लागत सिंगल डिजिट में लगभग 9 प्रतिशत तक आ गई है।
बुनियादी ढांचे का महत्व
मंत्री ने कहा कि बुनियादी ढांचे पर सरकार का ध्यान देश की आर्थिक वृद्धि को आगे बढ़ा रहा है। गडकरी ने कहा कि किसी भी देश के विकास के लिए सड़क, पानी, बिजली, परिवहन और संचार जैसे बुनियादी ढांचे का विकास आवश्यक है। इसके बिना उद्योग और व्यापार में निवेश नहीं आ सकता। निवेश की कमी से रोजगार नहीं बनेंगे और बिना रोजगार के गरीबी समाप्त नहीं हो सकती।
