2025 में स्वास्थ्य क्षेत्र में संभावित बदलाव: नई तकनीक और टीकाकरण की उम्मीदें

2025 में स्वास्थ्य क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण बदलावों की उम्मीद है, जिसमें नई तकनीकों का उपयोग और टीकाकरण का विस्तार शामिल है। भारत में आयुष्मान योजना का विस्तार, डेंगू वैक्सीन का परीक्षण, और इमरजेंसी बेड की संख्या में वृद्धि जैसी योजनाएं हैं। जानें कैसे ये बदलाव देश के स्वास्थ्य सेवा को प्रभावित कर सकते हैं और मरीजों को लाभ पहुंचा सकते हैं।
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2025 में स्वास्थ्य क्षेत्र में संभावित बदलाव: नई तकनीक और टीकाकरण की उम्मीदें

2025 में स्वास्थ्य क्षेत्र में बदलाव की संभावनाएं

2025 में हेल्थ सेक्टर में इन बदलावों की उम्मीद Image Credit source: Getty images

नया साल 2024 समाप्त हो चुका है, और अब 2025 की शुरुआत हो चुकी है। पिछले वर्ष में स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण घटनाएं हुईं, जैसे कि रूस ने कैंसर की वैक्सीन विकसित करने का दावा किया। मंकीपॉक्स की वैक्सीन पर कार्य शुरू हुआ, एचआईवी के लिए नया टीका आया, अल्जाइमर की पहचान के लिए सरल रक्त परीक्षण की खोज हुई, और जीन थेरेपी में सफलता मिली।

भारत में भी स्वास्थ्य क्षेत्र में कई सकारात्मक परिवर्तन हुए हैं। आयुष्मान योजना के तहत 70 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों को शामिल किया गया। डेंगू की वैक्सीन के तीसरे चरण के परीक्षण को मंजूरी मिली। इम्यूनोथेरेपी के माध्यम से एक कैंसर रोगी को पूरी तरह से ठीक किया गया। नए साल में स्वास्थ्य क्षेत्र में कई नई उम्मीदें हैं, जैसे कि खतरनाक बीमारियों के लिए वैक्सीनेशन का विस्तार, अस्पतालों में सुविधाओं में सुधार, बेड की संख्या बढ़ाना, और एआई तकनीक का उपयोग कर मरीजों का इलाज। इससे देशभर के मरीजों को लाभ मिलने की संभावना है।

आयुष्मान भारत योजना का विस्तार

नए साल में आयुष्मान भारत- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का और विस्तार होने की संभावना है। कई नई बीमारियों को इस योजना में शामिल किया जा सकता है। सरकार अपने राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में टेलीमेडिसिन और एआई जैसी तकनीकों को लागू करने की योजना बना रही है। कैंसर के इलाज में इम्यूनोथेरेपी के उपयोग की भी उम्मीद है, जिससे लाखों कैंसर रोगियों को लाभ मिल सकेगा।

स्वास्थ्य सेवा बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए सरकार 50,000 करोड़ रुपये का ऋण प्रोत्साहन कार्यक्रम शुरू करेगी। नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना भी की जाएगी, जिसमें 155 मेडिकल कॉलेजों की स्थापना को मंजूरी दी गई है। इनमें से 131 पहले से कार्यरत हैं, और शेष का कार्य अगले कुछ वर्षों में पूरा होगा।

गैर संक्रामक बीमारियों के टीकाकरण का विस्तार

नए साल में कई गैर संक्रामक बीमारियों के टीकाकरण को बढ़ावा देने की योजना है। खसरे के टीकाकरण का विस्तार किया जाएगा, और अधिक से अधिक बच्चों को एमआर वैक्सीनेशन में शामिल किया जाएगा। हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक और डायबिटीज जैसी बीमारियों की रोकथाम के लिए 2025 में लगभग 750 लाख लोगों को 40,000 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के माध्यम से देखभाल प्रदान करने की संभावना है। रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र ने 2025 के लिए टीकाकरण कार्यक्रम में हीमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी टीके को भी शामिल किया है।

दिल्ली एम्स में इमरजेंसी बेड की संख्या में वृद्धि

दिल्ली एम्स में नए साल के अंत तक इमरजेंसी बेड की संख्या दोगुना होने की उम्मीद है। वर्तमान में यहां 200 इमरजेंसी बेड हैं, जिन्हें बढ़ाकर 400 करने की योजना है। दिल्ली एम्स को देश के सभी एम्स से जोड़ने के लिए एक पोर्टल विकसित किया गया है, जिससे मरीजों को तुरंत संबंधित अस्पताल में रेफर किया जा सकेगा। इससे दिल्ली एम्स पर मरीजों का बोझ कम होगा।

डेंगू की वैक्सीन की उम्मीद

भारत में डेंगू की वैक्सीन का परीक्षण चल रहा है, और 2025 के अंत तक इसके उपलब्ध होने की संभावना है। हालांकि, यह टीका 2026 तक भी आ सकता है। आईसीएमआर के अनुसार, यदि परीक्षण सफल होता है, तो अगले दो वर्षों में डेंगू की वैक्सीन उपलब्ध हो सकती है। यदि यह वैक्सीन आ जाती है, तो हर साल डेंगू के मामलों और इससे होने वाली मौतों की रोकथाम संभव होगी।