2025 के महंगे युद्ध का आर्थिक आकलन: ईरान और इज़राइल को कितना नुकसान हुआ?

2025 में ईरान और इज़राइल के बीच हुए 12-दिन के युद्ध का आर्थिक आकलन सामने आया है। इस संघर्ष में ईरान को सबसे अधिक नुकसान हुआ, जिसमें सैन्य और आर्थिक दृष्टिकोण से भारी क्षति शामिल है। इज़राइल ने भी युद्ध में महत्वपूर्ण वित्तीय नुकसान का सामना किया है। जानें कि किस देश को कितना नुकसान हुआ और युद्ध के बाद की स्थिति क्या है।
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2025 के महंगे युद्ध का आर्थिक आकलन: ईरान और इज़राइल को कितना नुकसान हुआ?

युद्ध का अंत और आर्थिक नुकसान

12 दिनों तक चले ऐतिहासिक युद्ध का अंत हो गया है। इज़राइल ने दावा किया है कि उसने ईरान के परमाणु संयंत्रों को नष्ट करने का अपना लक्ष्य हासिल कर लिया है। अमेरिका ने भी इस संघर्ष को समाप्त करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का उल्लेख किया है, जिसमें उसने ईरान के परमाणु ढांचे के खिलाफ प्रत्यक्ष कार्रवाई की। अब सभी देश अपने आर्थिक नुकसान का आकलन कर रहे हैं। यह स्पष्ट है कि यह युद्ध उनके लिए बहुत महंगा साबित हुआ है।


किसे हुआ सबसे अधिक नुकसान?

आंकड़ों के अनुसार, ईरान को सबसे अधिक नुकसान हुआ है, न केवल सैन्य संसाधनों के मामले में बल्कि आर्थिक दृष्टिकोण से भी। पश्चिमी प्रतिबंधों से पहले से ही प्रभावित ईरान की अर्थव्यवस्था को इस युद्ध ने और भी कमजोर कर दिया है। ईरान के तीन परमाणु संयंत्रों को हुए नुकसान ने उसकी आर्थिक वृद्धि की राह में बाधा डाली है। इस संघर्ष में 620 से अधिक लोग, जिनमें 12 वैज्ञानिक और 20 वरिष्ठ कमांडर शामिल हैं, मारे गए, जबकि 4870 लोग घायल हुए। वहीं, इज़राइल में 28 नागरिकों की जान गई और 3200 लोग घायल हुए, जबकि इज़राइल के सैनिकों को कोई नुकसान नहीं हुआ।


ईरान का वित्तीय नुकसान

एक रक्षा विश्लेषक के अनुसार, ईरान को सीधे और अप्रत्यक्ष रूप से 24 से 35 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है, जो कि ईरान की अनुमानित 380 अरब डॉलर की जीडीपी का लगभग 6.3 से 9.2% है। इसके अलावा, अमेरिकी और इजरायली हमलों ने ईरान के परमाणु ढांचे को कमजोर किया और तेहरान के तेल निर्यात में भारी गिरावट आई।


इज़राइल का नुकसान

इज़राइल ने इस युद्ध में हुए नुकसान का आकलन 3 अरब डॉलर किया है, जिसमें मिसाइलों से प्रभावित इमारतों की मरम्मत और स्थानीय व्यवसायों को मुआवजा देने के लिए धन की आवश्यकता है। इस राशि में युद्ध के दौरान उपयोग किए गए हथियारों और रक्षा प्रणालियों के प्रतिस्थापन की लागत शामिल नहीं है।


इज़राइल की वित्तीय योजनाएँ

इज़राइल सरकार वर्तमान में खर्च में कटौती, कर वृद्धि और अतिरिक्त उधारी के मिश्रण पर विचार कर रही है। यह कदम इसलिए उठाया जा रहा है क्योंकि देश की सार्वजनिक ऋण जीडीपी के 75% से अधिक हो सकता है। वित्त मंत्रालय ने रक्षा के लिए 857 मिलियन डॉलर की आपातकालीन निधि की मांग की है।


अमेरिका का ऑपरेशन मिडनाइट हैमर

अमेरिका ने इस युद्ध के अंतिम चरण में 'ऑपरेशन मिडनाइट हैमर' शुरू किया, जिसका उद्देश्य ईरान के परमाणु संयंत्रों को निशाना बनाना था। इस ऑपरेशन की लागत अमेरिका के लिए लगभग 1 से 2 अरब डॉलर रही।


13 जून को क्या हुआ?

इज़राइल ने 13 जून को ईरान पर ड्रोन और मिसाइलों का पहला हमला किया, और दोनों पक्षों के बीच नियमित गोलीबारी होती रही। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मंगलवार की सुबह संघर्ष विराम की घोषणा की। इज़राइल की आपातकालीन सेवाओं ने कहा कि मिसाइल हमलों में 28 लोग मारे गए और 1300 से अधिक घायल हुए, जबकि ईरान की सरकार ने 627 लोगों की मौत की सूचना दी।